26 साल का लड़का जिस उसके चहेते "रवसा" कहते है,,,,जिसने विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले भाजपा का दामन थामा था,,,,लेकिन पार्टी से टिकट नहीं मिलने की वजह से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लेता हैं,,,,गाँव वाले कहते हैं की निर्दलीय चुनाव मत लड़ो,,,कोई फायदा नहीं है,,,,लेकिन लड़का कहता हैं कि जैसे मैंने 2019 में जोधपुर की जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी से निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी,,,,वैसे ही में इस बार भी निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल करूंगा,,,,लड़के ने जो कहा वो करकर दिखाया,,,,
अब आप इतना तो समझ ही गए होंगे कि हम रविन्द्र सिंह भाटी के बारे में बात कर रहे हैं,,,,28 अक्टूबर को रविन्द्र सिंह भाटी ने बीजेपी ज्वाइन की थी,,,,लेकिन 9 दिन बाद ही पार्टी से टिकेट नहीं मिलने की वजह से उन्होंने बागी होकर चुनाव लड़ने का फैसला लिया,,,,बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से रविन्द्र सिंह भाटी ने 3950 वोटों से जीत हासिल की है,,,, रविन्द्र सिंह भाटी ने जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी से भी निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी
रविन्द्र सिंह भाटी बाड़मेर जिले के दुधोड़ा गाँव के रहने वाले हैं,,,,दुधोड़ा गाँव भारत पाकिस्तान बॉर्डर से सटे शिव विधानसभा में आता है,,,,बता दें रविन्द्र सिंह भाटी छात्र नेता रह चुके हैं,,,,मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ रविन्द्र सिंह भाटी पिछले 3 साल से चुनाव लड़ने की तैयार कर रहे थे,,,,
बता दें शिव विधानसभा सीट पर पूरे राजस्थान की नजर टिकी हुई थी,,,,इस सीट की चर्चा सिर्फ रविन्द्र सिंह भाटी की वजह से राजस्थान से लेकर दिल्ली में हुई थी,,,,चुनाव लड़ने से पहले रविन्द्र सिंह भाटी ने कहा था कि मैं शिव विधानसभा सीट के ऐसे इलाके में आ गया हूं,,,,,जहां आज भी पानी की कमी है,,,,ढंग से सड़कें नहीं बनी हुई है,,,,बिजली और मोबाइल के टावर भी नहीं है,,,,मैंने अपनी यात्रा करते समय यहाँ के लोगों से वादा किया था कि अगर में चुनाव जीता तो में नश्चित रूप से आपकी सारी समस्याओं का समाधान करूंगा,,,,,नतीजे रविन्द्र सिंह भाटी के पक्ष में आए,,,,अब देखने लायक ये होगा की रविन्द्र सिंह भाटी अपने किए हुए वादों पर कितना खरा उतरते हैं,,,,