प्रदेश में बदलते मौसम के मिजाज के साथ ही प्रदेश की राजनीती के समीकरण भी लगातार बदलते नज़र आ रहे है राजस्थान में कई जिलों की हॉट सीट पर केंद्र सरकार की नजर बनी हुई, इन सीटों पर ना सिर्फ राजस्थान आलाकमान साथ ही देश के राजनीतिक पंडितों के बीच भी जबरदस्त खींचतान देखने को मिल रही है
लोकसभा चुनाव में हॉट सीट की चर्चा ना हो और ऐसी हॉट सीट जहां दोनों की प्रमुख पार्टियों अपने प्रत्याशियों को जीतता हुआ देखना चाहती है,,,, ऐसी ही एक हॉट सीट का जिक्र हम आज करने जा रहे है। जहां राजनीति के कई दाव पेच चले जा रहे है, तो दूसरी तरफ जातीय समीकरण के आधार पर चुनाव की तैयारी की जा रही है। जी हा हम बात कर रहे है, जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट की जहां एक तरफ बीजेपी ने राव राजेंद्र सिंह को मैदान में उत्तारा है तो वही दूसरी और कांग्रेस से युवा नेता अनिल चोपड़ा को टिकिट देकर लोकसभा के लिए अपना मजबूत दावेदार माना है
अग़र बात करे 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव की तो जयपुर ग्रामीण सीट से कर्नल राज्यवर्धन राठौर जीत रहे थे. 2014 में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने डॉ सीपी जोशी को लगभग 32% वोटो से हराया तो वही 2019 में कृष्णा पूनिया को 30% वोटो से राजवर्धन सिंह राठौड़ ने पटखनी दी थी, लेकिन भाजपा ने इस बार 2009 में जयपुर ग्रामीण से प्रत्याशी रहे राव राजेंद्र सिंह पर एक बार फिर से विश्वास जताया है, 2009 में वे कांग्रेस के तत्कालीन उम्मीदवार लालचंद कटारिया से चुनाव हार गए थे
राव राजेंद्र सिंह शाहपुरा विधानसभा सीट से 2003, 2008 व 2013 में लगातार विधायक रहे, लेकिन 2018 में चुनाव हार गए, लेकिन 2023 के चुनाव में बीजेपी ने युवा पर दांव खेलते हुए युवा नेता उपेन यादव को शाहपुरा सीट से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन अब लोकसभा सीट से राव राजेन्द्र सिंह को उम्मीवार बनाया है, वहीं दूसरी ओर अनुभवी राव राजेन्द्र सिंह के सामने अनिल चौपड़ा हैं जिनका फैमिली बैक ग्राउंड राजनीति से नहीं आता है, लेकिन अनिल चौपड़ा खुद छात्र जीवन से ही राजनीति कर रहे हैं, छात्र हितों के लिए आंदोलन करते करते कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के सदस्य बने, बाद में वर्ष 2004 में एनएसयूआई के बैनर तले राजस्थान विश्वविद्यालय के अध्यक्ष बने और अब लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व में अनिल चौपड़ा को खुद को साबित करने का मौका मिला है
जयपुर ग्रामीण सीट पर मतदाताओं की बात की जाए तो यहां मतदाताओं की संख्या 21 लाख 85 हजार से ज्यादा है, जयपुर ग्रामीण सीट के जातीय समीकरण की बात करे तो इस सीट पर यादव समुदाय का वर्चस्व है, इसके साथ ही जाट समुदाय मतदाता भी इस सीट पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जिसके चलते राव राजेन्द्र सिंह इस सीट से मजबूत नजर आते हैं, यादव या अहीर समुदाय की कोटपूतली, शाहपुरा, बानसूर, झोटवाड़ा, विराटनगर, आमेर में सबसे अधिक आबादी है और 3 लाख से अधिक आबादी के साथ फुलेरा और जमवा रामगढ़ में महत्वपूर्ण है,,, जो जयपुर ग्रामीण लोकसभा चुनाव का पलड़ा राव राजेंदर के पक्ष में पलट सकते है
हालांकि चुनाव नेता अनिल चौपड़ा को कम नहीं आंका जा सकता है, सचिन पायलट के बेहद करीबी और युवाओं में खास पकड़ रखने वाले अनिल चौपड़ा को जाट समुदाय के जातीय समीकरण का फायदा भी मिल सकती है