लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Election 2024 ) के पहले चरण में नामांकन वापसी के बाद स्थिति साफ हो चुकी है तो वहीं दूसरे चरण के मतदान के लिए नामांकन जारी है, बीजेपी जहां देशभर में 400 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही है... तो वहीं कांग्रेस गठबंधन के सहारे बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के मूड में नजर आ रही है, लेकिन इसी बीच सट्टा बाजार के समीकरण माहौल को किस दिशा में लेकर जा रहे हैं ये भी देखने वाली बात है,,,,
अगर बात की जाए देश के सबसे बड़े सट्टे बाजार की तो उसने बीजेपी के जीत के दावे को तो बल दिया है, लेकिन 400 के पार के सपने को टूटता हुआ ये सट्टा बाजार बता रहा है, फलोदी सट्टा बाजार का दावा है कि इस बार बीजेपी ( BJP ) 330 से 340 सीटों के बीच अटक सकती है, जबकि कांग्रेस को 40 से 45 सीट जीत नसीब हो सकती है,
राजस्थान ( Rajasthan ) की बात करें तो फलोदी सट्टा बाजार के अनुसार पिछले 10 सालों से बीजेपी जो इतिहास बना रही है वो इतिहास इस बार उनसे दूर होता हुआ नजर आ सकता है, मतलब साफ है कि बीजेपी इस बार सभी 25 सीटें नहीं जीत पाएगी, मिशन 25 की हैट्रिक से बीजेपी इस बार दूर रह सकती है, और इसकी वजह से कुछ सीटों पर मुकाबला काफी दिलचस्प और टक्कर वाला होना, और इसी टक्कर के चलते कुछ सीटों बीजेपी के हाथ से फिसल सकती है
शिव से निर्दलीय के रूप में जीत हासिल करने वाले रविन्द्र सिंह भाटी ने एक बार फिर से निर्दलीय के रूप में बाड़मेर से लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है, रविन्द्र सिंह भाटी ( Ravindra Singh Bahati ) एक बार फिर विधायकी चुनाव जैसा ही करिश्मा करने की तैयारी में हैं....सट्टा बाजार भी भाटी की मजबूती को नकार नहीं पाया और भाटी की जीत की संभावना सट्टा बाजार जता चुका है, ऐसे में बीजेपी से प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ( Kailash Choudhary ) के साथ ही कांग्रेस ( Congress ) के उम्मेदाराम ( Umedaram Beniwal ) के लिए बाड़मेर ( Barmer ) की सीट की राह कांटे से भरी हो सकती है,
बाड़मेर के बाद नम्बर आता है जोधपुर सीट का, जोधपुर से भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ( Gajendra Singh ) के लिए भी मुश्किल कम नहीं है, कड़े मुकाबले के चलते जोधपुर की सीट फंसती हुई नजर आ रही है, इसके पीछे की एक बड़ी वजह है जोधपुर में गजेंद्र सिंह शेखावत का विरोध भी है,
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) के बेटे वैभव गहलोत ( Vaibhav Gehlot ) ने साल 2019 में जोधपुर सिटी से गजेन्द्र सिंह शेखावत के सामने चुनाव लड़ा था, लेकिन भारी अंतर से हार का सामना करना पड़ा था, वहीं इस बार वैभव गहलोत को जालोर-सिरोही सीट से टिकट देकर मैदान में उतारा गया है, जिसके चलते इस सीट पर भी सभी की निगाहें हैं. लेकिन सट्टा बाजार की बात की जाए तो 2019 की तरह ही 2024 में भी वैभव गहलोत की राजनीति में कमजोरी पकड़ उनकी चिंता बढ़ा रही है, सट्टा बाजार जालोर-सिरोही सीट से भाजपा को मजबूत बता रहा है
पिछले 2 चुनाव भाजपा के गठबंधन करके जीत हासिल करने वाले RLP सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने इस बार नागौर सीट से कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है, बेनीवाल और कांग्रेस के गठबंधन में सबसे बड़ी भूमिका अशोक गहलोत की बताई जा रही है, नागौर सीट से अब मुकाबला कांग्रेस-बीजेपी-आरपीएल के बीच ना हो कर सीधा मिर्धा-बेनीवाल का मुकाबला बन चुका है, ऐसे में चुनाव से पहले नागौर के दिग्गज माने जाने वाले मिर्धा परिवारों का बीजेपी में शामिल होना नागौर की सीट से हनुमान बेनीवाल को कमजोर साबित कर चुका है, वहीं फलोदी सट्टा बाजार भी इस बार बेनीवाल की जीत को लेकर मुश्किल आने की संभावना जता चुका है