राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा हो गयी है। आपको बता दे कि 25 नवम्बर को राजस्थान में चुनाव होने है। सभी पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारना शुरू कर दिए है। कुछ सीटों पर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है तो कुछ पर कांग्रेस ने, इसके अलावा अन्य पार्टियों ने भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
विधानसभा चुनाव से पहले नेताओ की जुबानी जंग छिड़ चुकी है। नेताओं की जुबान आपे से बाहर होने लगी है और इसका जीता जगता उदाहरण है। बाबा बालकनाथ का हाल ही में बयान दिया, लेकिन बिना सोचे-समझे बयानबाजी करना कभी-कभी भारी भी पड़ जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ अलवर सांसद और अब तिजारा से बीजेपी प्रत्याशी बाबा बालकनाथ के साथ। अलवर सांसद बाबा बालकनाथ को तिजारा से टिकट मिलने के बाद अब वो एक मुश्किल में भी फंसते नजर आ रहे हैं।
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बालकनाथ को सोमवार को निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन का नोटिस थमा दिया है। उन्हें दो दिन में इस नोटिस पर अपना जवाब रिटर्निंग ऑफिसर को देना होगा। दरअसल, सांसद बालकनाथ ने एक गांव में सभा को संबोधित करते हुए विवादित बयान देने के साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग को भी चुनौती दे दी। बालकनाथ ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सभी जाति, धर्म और समुदाय के लोगों ने मिलकर भाजपा को वोट दिया और केंद्र में भाजपा की सरकार बनी। इस बार ऐसे वोटिंग होगी, जो सभी देखते रह जाएंगे। उन्होंने कहा “वोट होंगे 1440, लेकिन डालेंगे 1450.
उसके बाद जांच का भी कोई फायदा नहीं होगा। क्योंकि जब तक वोट डाल चुके होंगे। बालकनाथ ने कहा कि हमें इस भावना से इस बार वोट डालने हैं। बालकनाथ का यह बयान सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो सामने आने के बाद दूसरे दलों के कार्यकर्ताओं ने इसे बीजेपी के बूथ कैप्चरिंग का प्लान बताया है। लोगों का कहना है जब वोट 1,440 हैं तो बाबा 1,450 वोट कहां से डलवा देंगे।
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बाबा बालकनाथ ने अपने इस बयान पर सफाई भी दी है। उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक युग में evm से वोटिंग होती है। बूथ पर चुनाव अधिकारी सहित पूरी पोलिंग पार्टी मौजूद होती है। ऐसे में बूथ कैप्चरिंग का कोई सवाल नहीं उठता। मैंने जनता को मोटिवेट करने के लिए ऐसा कहा है, ताकि लोग घरों से निकलकर ज्यादा से ज्यादा वोट डालें।
उन्होंने कहा, लोग तो कुछ भी मायने निकाल सकते हैं। इन फालतू की बातों में वे (विपक्ष) अपना समय बर्बाद न करे। अब तो वे राजस्थान से बाहर निकलने के रास्ते खोजें कि किस रास्ते से बाहर निकलना है। बता दें, साल 2017 में महंत चांदनाथ के निधन के बाद साल 2018 में बाबा बालकनाथ को नाथ संप्रदाय के महत्वपूर्ण स्थल मस्तनाथ मठ का महंत बनाया गया था और साल 2019 में बीजेपी ने अलवर लोकसभा सीट से उन्हें टिकट दिया और उन्होंने कांग्रेस के भंवर जितेंद्र सिंह को हरा कर जीत हासिल की थी। इससे पहले उन्हें प्रदेश बीजेपी कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष भी बनाया गया था।