मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि देश दुनिया में प्रवासी राजस्थानियों की मेहनत, कर्मठता और लगन से राजस्थान गौरवान्वित हुआ है। हमारी सरकार ने यह निर्णय लिया है कि प्रवासी राजस्थानियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए एक विशेष विभाग बनाया जाएगा। साथ ही, 10 दिसंबर को हर वर्ष प्रवासी राजस्थानी दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य में पहली बार हर साल प्रवासी राजस्थानी सम्मान देने का निर्णय लिया है। प्रवासी राजस्थानियों के परिवारों को किसी तरह की समस्या आती है, तो इसके लिए हर जिले में सिंगल प्वाइंट कॉन्टेक्ट बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान आज विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। हाईवे का तीसरा एवं रेलवे का पांचवां सबसे बड़ा नेटवर्क, सात प्रमुख हवाई अड्डे और दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर राजस्थान को परिवहन के लिए अत्यंत सुविधाजनक स्थान बनाते हैं। भारत का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान अब बड़े अवसरों की भूमि बन रहा है। उन्होंने कहा कि हम अगले 5 साल में राज्य की अर्थव्यवस्था को 350 बिलियन डॉलर करने के संकल्प के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान अक्षय ऊर्जा में अग्रणी है तथा सौर एवं पवन ऊर्जा उत्पादन की भी यहां अनुकूल स्थितियां हैं।
शर्मा ने राजस्थान में अपार संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि यहां का हर कोना, अपनी समृद्ध धरोहर, प्रकृति, संस्कृति और विविधताओं का दर्शन करवाता है। यहां वाइल्ड लाइफ, वेलनेस, वेडिंग एवं धार्मिक पर्यटन के बढ़ने के कारण होटलों की मांग तेजी से बढ़ रही है। राजस्थान में प्रतिवर्ष देश-विदेश से करोड़ों पर्यटक आते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में खनन् क्षेत्र में भी असीमित संभावनाएं हैं। हमने हाल ही में राजस्थान खनिज नीति-2024 एवं राजस्थान एम-सैण्ड पॉलिसी-2024 लॉन्च की है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग, वस्त्र, चिकित्सा उपकरण, रक्षा उपकरण, खाद्य प्रसंस्करण, डेटा सेंटर जैसे क्षेत्रों में भी निवेश के लिए बेहतरीन अवसर हैं।
शर्मा ने कहा कि हमने निवेशकों के लिए एक ऐसा माहौल तैयार किया है, जहां उन्हें हर संभव सुविधाएं मिलेंगी। हमने निवेश के लिए सरकारी प्रक्रियाओं को सरल बनाया है तथा उद्योगों में नवाचारों को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि निवेशकों के लिए 10 नई नीतियां बनाने के साथ ही राज निवेश पोर्टल से समयबद्ध मंजूरी भी सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने प्रवासी राजस्थानियों से अपील की है कि वे राज्य के विकास में भागीदार बनें तथा अपनी मातृभूमि में निवेश कर अपनी आने वाली पीढ़ी के जुड़ाव को मजबूत करें।