भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के 78वें स्थापना दिवस के अवसर पर आज जयपुर के एक निजी होटल मे 'मानक महोत्सव' का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री सुमित गोदारा रहे। वही उन्होने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हूए कहा की वर्ष 1947 में स्थापना के बाद से ही बीआईएस गुणवत्ता, सुरक्षा और मानकीकरण का प्रतीक रहा है। आईएसआई मार्क, हॉलमार्क और रजिस्ट्रेशन मार्क आज लाखों उपभोक्ताओं के बीच गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रगति के प्रतीक बन चुके हैं।
उन्होने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हूए कहा की उत्पादों के मानकीकरण में वृहद एवं मध्यम उद्योग जगत की सहयोगात्मक भूमिका रही है। यही वजह है कि आज उपभोक्ता अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में बीआईएस द्वारा प्रमाणित गुणवत्तापूर्ण उत्पाद और सेवाएं प्राप्त कर रहा है। उन्होंने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से बीआईएस के सहयोग से नवाचार करने और अछूते रह गए क्षेत्रों में भी मानकीकृत गुणवत्तापूर्ण उत्पाद एवं सेवाएं प्रदान करने की जरूरत पर बल दिया। वही उन्होने कहा की बीआईएस गुणवत्ता, सुरक्षा और मानकीकरण का प्रतीक रहा है।
इस अवसर पर बीआईएस राजस्थान की निदेशक कनिका कालिया ने कहा कि वृहद और मध्यम उद्योगों के सहयोग से मानकीकरण को बढ़ावा देकर राष्ट्रीय गुणवत्ता को विश्व स्तर तक पहुंचाया जा सकता है जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को साकार रूप दिया जा सके। वही उन्होंने वृहद और मध्यम उद्योग के प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे इन उद्योगों को भी मानकीकरण की विधा में प्रेरित करें ताकि मानक और गुणवत्ता संवर्धन के प्रयासों को बल मिल सके। कालिया ने बताया कि वर्तमान में बीआईएस राजस्थान के क्षेत्राधिकार में 2700 से अधिक उत्पाद प्रमाणन लाइसेंस क्रियाशील हैं। प्रदेश के उपभोक्ताओं को सुरक्षित, विश्वसनीय और उच्च गुणवत्ता के उत्पाद और सेवाएं मिलें, इसलिए बीआईएस राजस्थान सतत प्रयासरत है।
वही कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में सहायता एनजीओ की अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. माया टंडन तथा जलसंरक्षणवादी एवं सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री लक्ष्मण सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर मानकीकरण और गुणवत्ता संवर्धन में उत्कृष्ट योगदान देने वाले उद्योगों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में वृहद एवं मध्यम उद्योगों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने शिरकत की।