झालावाड़ में हाल ही में स्कूल की छत गिरने से सात मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत की घटना के कुछ ही दिनों बाद जैसलमेर जिले के एक गांव में एक सरकारी स्कूल के मुख्य द्वार का जर्जर खंभा गिरने से एक छात्र की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक शिक्षक गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना पर गहरा शोक प्रकट करते हुए शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने शिक्षा मंत्री के नाम एक तीखा लेकिन जिम्मेदाराना संदेश वीडियो के माध्यम से सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर साझा किया।
वीडियो में विधायक भाटी ने इस दुखद घटना को सिस्टम की लापरवाही से हुई “मासूमों की हत्या” करार दिया और शिक्षा व्यवस्था की जर्जर होती संरचनात्मक स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “अभी झालावाड़ की चिताएं ठंडी भी नहीं हुईं थीं कि जैसलमेर में भी वही सिस्टम एक और मासूम की जान निगल गया। यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, यह सिस्टम की लापरवाही से हुई हत्या है। अगर यही हाल रहा, तो माता-पिता सरकारी स्कूलों में बच्चों को भेजने से डरने लगेंगे।”
विधायक ने आरोप लगाया कि जनता का विश्वास अब सिस्टम से उठता जा रहा है और यह समय केवल बयानबाजी या राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का नहीं, बल्कि धरातल पर उतर कर जिम्मेदारी निभाने का है। उन्होंने शिक्षा मंत्री और संबंधित अधिकारियों से मांग की कि वे केवल रिपोर्टों पर निर्भर न रहें, बल्कि खुद मौके पर जाकर विद्यालयों की भौतिक स्थिति का निरीक्षण करें।
भाटी ने अपने बयान में आगाह करते हुए कहा कि अगर ऐसी घटनाएं लगातार होती रहीं, तो पहले से लड़खड़ाता सरकारी शिक्षा तंत्र पूरी तरह से ‘लैप्स’ हो जाएगा। उन्होंने इसे एक गहरी सामाजिक और प्रशासनिक विफलता करार देते हुए कहा, “जिस बच्चे की जान गई है, वह सीमांत क्षेत्र की संतान ही नहीं, मेरे अपने परिवार की तरह है। अगर उसे न्याय नहीं मिला, तो मैं इसके लिए हर आवश्यक कदम उठाऊंगा।”
शिक्षा मंत्री सहित राजधानी में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों को निशाने पर लेते हुए विधायक भाटी ने कहा कि अब समय आ गया है कि वे वातानुकूलित कमरों से बाहर निकलकर ग्रामीण विद्यालयों की वास्तविक स्थिति को समझें। उन्होंने कहा, “देश भले ही विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर हो, लेकिन अगर एक बार ज़मीन पर उतरकर शिक्षा व्यवस्था का हाल देखेंगे, तो तस्वीर कुछ और ही होगी।”
भाटी ने स्पष्ट किया कि जैसलमेर-बाड़मेर जैसे शुष्क क्षेत्रों में बारिश इतनी नहीं होती कि कोई भवन गिर जाए। उन्होंने इन घटनाओं के पीछे पुराने निर्माण और मेंटेनेंस की भारी कमी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने खुलासा किया कि शिव विधानसभा क्षेत्र में लगभग 800 स्कूलों में से 500 स्कूल जर्जर हालत में हैं, और इस विषय में वे पहले भी कई बार राज्य सरकार को अलग-अलग माध्यमों से अवगत करा चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई।
अपने संदेश के अंत में भाटी ने कहा कि अगर मृत छात्रा को न्याय नहीं मिला और इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे इसके खिलाफ हर संभव मंच पर आवाज़ उठाएंगे। उन्होंने इसे सीमावर्ती क्षेत्र के निवासियों के साथ हो रहे सिस्टमेटिक अन्याय की एक बानगी बताया और कहा कि अगर जनता के बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार नहीं ले सकती, तो लोगों का सरकार और शिक्षा व्यवस्था से भरोसा उठ जाएगा।