मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि अन्नदाता किसान को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है। हमारी योजनाएं और नीतियां किसानों का सर्वांगीण विकास करने के साथ-साथ विकसित राजस्थान-2047 की यात्रा में उनकी भागीदारी भी सुनिश्चित कर रही हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी बजटीय घोषणाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करें जिससे किसानों और पशुपालकों को धरातल पर उनका लाभ मिल सके
सीएम शर्मा बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कृषि, कृषि विपणन, उद्यानिकी, पशुपालन एवं डेयरी तथा गोपालन विभाग की बजट घोषणाओं की क्रियान्विति की समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कृषि को रोजगारोन्मुखी व्यवसाय बनाने के दृष्टिगत दूरगामी निर्णय ले रही है। सीएम शर्मा ने कृषि में उन्नत तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहन देने के साथ ही किसानों के लिए सुविधाओं एवं सेवाओं में द्रुतगति से विस्तार के लिए विशेष निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु एवं सीमांत किसानों को उचित दर पर कृषि उपकरण उपलब्ध कराने की दिशा में 1 हजार कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। इन सेंटर्स के संचालन के लिए एफपीओ को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, जीएसएस, केवीएसएस और पंचायत द्वारा भी संचालन की जिम्मेदारी पर भी विचार किया जाए। उन्होंने कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना से पूर्व अन्य राज्यों के मॉडल का परीक्षण करने और श्रेष्ठ मॉडल को लागू करने के लिए निर्देशित भी किया। साथ ही, इन सेंटर्स के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सकें।
सीएम शर्मा ने कहा कि किसानों के खेत से ही फसल की सीधी खरीद और उसे तत्परता से विक्रय करने के लिए ई-मण्डी प्लेटफॉर्म का नवाचार किया जा रहा है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और उनका आर्थिक रूप से सशक्तीकरण होगा। उन्होंने अधिकारियों को पंचायत स्तर पर ई-मण्डी प्लेटफॉर्म में फसल के भण्डारण के लिए आवश्यक आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिए विशेष रूप से निर्देशित किया। साथ ही, मुख्यमंत्री ने प्रदेश की कृषि उपज मण्डी समितियों के प्रभावी संचालन और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के क्रम में आवश्यक कदम उठाने के लिए भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने ग्लोबल राजस्थान एग्री टेक मीट (ग्राम)-2026 के राज्य स्तरीय कार्यक्रम के सफल आयोजन के संबंध में कृषि शासन सचिव को प्रभावी कार्ययोजना बनाने के लिए निर्देशित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुसार मिलेट्स को प्रोत्साहन देने के लिए ‘श्री अन्न प्रमोशन एजेन्सी’ की स्थापना कर रही है। उन्होंने ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देने और बैलों से खेती करवाए जाने पर प्रोत्साहन राशि दिए जाने के संबंध में भी चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।
शर्मा ने अधिकारियों को दूध संकलन के दौरान गुणवत्ता का पूर्ण ध्यान रखने एवं मिलावटी दूध बनाने में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने आरसीडीएफ को उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। साथ ही, पशु चिकित्सा के लिए संचालित मोबाइल वेटेनरी वैन की निरंतर मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए। श्री शर्मा ने पशुपालन विभाग को पशुओं के लिए दवाओं की नियत दरों पर ही उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री ने राजकीय संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि भूमि की अनुपलब्धता पर नए प्रोजेक्ट्स के लिए सरकारी अनुपयोगी इमारतों का उपयोग किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला कलक्टर की एनओसी के बाद ही भूमि का आवंटन किया जाए, बैठक में मुख्यमंत्री ने राजस्थान किसान आयोग के वर्ष 2025 के अंतरिम प्रतिवेदन का विमोचन किया। इस दौरान कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत, राजस्थान किसान आयोग अध्यक्ष सी. आर. चौधरी, मुख्य सचिव सुधांश पंत सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।