उस यादगार जीत के आज 16 साल पुरे हो गए है। यादगार जीत जब भारतीय टीम ने कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की कप्तानी में 24 सितंबर 2007 को T20 वर्ल्ड कप जीता था। युवा जोश से भरी उस टीम का कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को बनाया गया था। उस वक्त बहुत कम क्रिकेट दिग्गज भारतीय टीम को खिताब जीतने का दावेदार मान रहे थे।
दरअसल, T20 वर्ल्ड कप 2007 में कई बड़े खिलाड़ी भारतीय टीम का हिस्सा नहीं थे, लेकिन महेन्द्र सिंह धोनी की कप्तानी में युवा खिलाड़ियों ने बड़ा कारनामा कर दिखाया था। भारत ने आज ही के दिन 24 सितंबर 2007 को फाइनल में पाकिस्तान को पांच रन से हराकर टी-20 वर्ल्ड कप के पहले एडिशन का खिताब जीता था।
भारत ने ठीक 15 साल पहले दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में खेले गए फाइनल में पहले बल्लेबाजी करते हुए 157 रन बनाए थे।
पाकिस्तान को अंतिम ओवर में जीत के लिए 13 रन बनाने थे। कप्तान मेहन्द्र सिंह धोनी ने गंद जोगिन्दर शर्मा के हाथो मे थमाई थी। जिन्होंने तीसरी ही गंद पर पाकिस्तान के कप्तान मिस्बाह उल हक़ को लेग साइड कर दिया था और श्रीसंत के हाथों में कैच थमाकर भारत को चैंपियन बना दिया था।
साल 2007 में पहली बार टी-20 विश्व कप का आयोजन हुआ था। 2007 मे वनडे विश्व कप में दिग्गजों से भरी भारतीय टीम बांग्लादेश से हारकर बाहर हो गई थी। ऐसे में टी 20 विश्व कप में भारत ने युवा टीम भेजी थी। जिसकी कमान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में थी। किसी को भी भारत के चैंपियन बनने की उम्मीद नहीं की थी। लेकिन युवा टीम इंडिया ने इतिहास रच दिया और भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को पांच रन से हराकर पहला टी 20 विश्व कप अपने नाम कर लिया था।
T20 वर्ल्ड कप 2007 के फाइनल मैच के हीरो इरफ़ान पठान ने उस समय कहा था कि पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच में 4 ओवर करने के बाद मैं बेहद थक गया था। उन्होंने आगे कहा था कि मैं अपने पूरे करियर में कभी इतना थका नहीं था। दरअसल ऐसा लगा रहा था कि मानो एनर्जी ही नहीं बची है। उस मैच में हमारी टीम ने अहम मुकाबले में आखिरी ओवर में जीत दर्ज की थी।
पाकिस्तान ने अपना आखिरी विकेट मिस्बाह उल हक़ के रूप में खोया था। जिनका स्कूप शॉट हवा में चला गया था और श्रीसंत ने फाइन लेग पर कैच पकड़ा था। साथ ही इरफ़ान ने यह भी कहा था कि दरअसल, श्रीसंत ने गेंद नहीं, वर्ल्ड कप पकड़ा था। भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 2007 में आईसीसी द्वारा आयोजित पहले टी-20 वर्ल्ड कप को जीत कर इतिहास रच दिया था। एमएस धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने फाइनल में पाकिस्तान को हराकर चैंपियन का तमगा हासिल कर लिया था।