देश और देश की सेना के मायने हम भारतियों में अलग तरह का जज्बा ला देता है जिसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता हैं। बॉलीवुड ने बहुत पेत्रिओटिक मूवीज अब तक बना दी है और आगे भी बनती जाएगी। हाल में रिलीज़ हुई कंगना रनोट स्टारर फिल्म तेजस भी इंडियन एयरफोर्स की अदम्य साहस की कहानी है।
फिल्म में तेजस गिल नाम की वायुसेना अफसर की कहानी दिखाई गई है, इसका किरदार कंगना रनोट ने निभाया है। होनहार विंग कमांडर तेजस देश के लिए कोई भी जोखिम उठाने के लिए हमेशा तैयार रहती है। तेजस को पाकिस्तान जाकर एक भारतीय एजेंट को छुड़ाने की जिम्मेदारी मिलती है। अब इस मिशन में तेजस कामयाब हो पाती है कि नहीं फिल्म की स्टोरी लाइन इसी पर बेस्ड है।
कंगना रनोट एक्टिंग का पावर हाउस हैं इसमें कोई दो राय नहीं है। एक फाइटर पायलट के रोल में वो पूरी तरह से जंची हैं। उनकी मेहनत साफ नजर आती है, हालांकि यही खामी भी है, क्योंकि इस फिल्म में कंगना पहले की तरह एफर्टलेस नजर नहीं आई हैं। फिर भी ये कहा जा सकता है कि उन्होंने फिल्म को अकेले अपने कंधे पर संभाला है। कंगना की दोस्त बनी अंशुल चौहान का अभिनय इस फिल्म में बेहतरीन है। कंगना के बॉयफ्रेंड के रोल में वरुण मित्रा ने भी अच्छा काम किया है।
फिल्म की राइटिंग और डायरेक्शन सर्वेश मेवाड़ा ने किया है। सर्वेश ने कोशिश तो अच्छी की है लेकिन उसमें पूरी तरह सफल नहीं हो पाए हैं। फिल्म शूट के हिसाब से मजबूत तो लगती है लेकिन कहानी, VFX और डायरेक्शन इसकी सबसे बड़ी कमजोरी है। कंगना रनोट बहुत बड़ी सुपर स्टार है, इस हिसाब से उनसे होप ज्यादा रहती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए डायरेक्टर ने पूरी फिल्म में सिर्फ उन्हें ही दिखाने की कोशिश की है। हालांकि हम जिस तरह की पंच लाइन्स की उम्मीद करते हैं वो कंगना को नहीं मिले हैं।
स्क्रीनप्ले में बहुत ज्यादा ही उतार चढ़ाव है जो आपको कंफ्यूज करेगा। डायरेक्टर यहां देशभक्ति और एयरफोर्स की बहादुरी का जज्बा और रोमांच जगाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। इसमें टॉम क्रूज की ‘टॉप गन मैवरिक’ के कुछ सीन्स इंस्पायर्ड नजर आते हैं। फिल्म का फर्स्ट हाफ स्लो है। हालांकि इंटरवल के बाद से फिल्म रफ्तार पकड़ती है।