पिछले दिनों बॉलीवुड एक्ट्रेस कृति सेनन को फिल्म “मिमी” के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड मिला था। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनके पेरेंट्स फिल्म इंडस्ट्री में उनके भविष्य को लेकर बेहद चिंतित रहते थे। इस कारण पेरेंट्स उनके करियर को लेकर अधिक चिंतित ना हों, इसलिए वे बैकअप प्लान के साथ बॉलीवुड इंडस्ट्री में गई।
कृति ने अपने बैकअप प्लान के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने GMAT एग्जाम दिया, सिर्फ इसलिए कि अगर फिल्मों में वो सफल ना हो पाएं तो कम से कम किसी अच्छे बिजनेस स्कूल से तो पढ़ाई हो ही जाएगी।
हीरोपंती की हीरोइन कृति सेनन ने बताया कि जब मैं मुंबई आई थी तब फिल्मों में हाथ आजमाने के साथ-साथ GMAT की भी तैयारी के लिए कोचिंग जाती थी। साथ मैं मॉडलिंग में भी हाथ आजमा रही थी। इसी बीच मुझे अपनी पहली फिल्म में साउथ के हैंडसम महेश बाबू के साथ काम करने का मौका मिला। ये एक तेलुगु फिल्म थी जिसका नाम था – ‘नेनोक्काडाइन’। इसके बाद मुझे हीरोपंती में काम करने का अवसर मिला।
इन दोनों फिल्मों के बीच मुझे लगभग दो महीने का समय मिला तो मैंने GMAT की तैयारी की और एग्जाम भी दिया।
उन्होंने बैकअप प्लान के साथ होने की कारण खुद को कुछ हद तक रिलैक्स महसूस किया। उन्होंने कहा कि मैं समझती थी कि मैं के मिडिल क्लास फैमिली से हूं और मेरे परिवार में कभी किसी का फिल्मी बैकग्राउंड नहीं रहा है। इस वजह से मेरे पेरेंट्स परेशान थे पर बैकअप प्लान होने से मुझे ये फायदा हुआ कि मैंने सोच-समझ कर फिल्में की और संयम से काम किया। मुझे काम न मिलने की बेचैनी कम होती थी।
मिडिल क्लास परिवार से होने के बावजूद उन्हें अपने पेरेंट्स को फिल्म इंडस्ट्री में जाने के लिए राजी करने में ज्यादा मुश्किल नहीं आई। कृति ने बताया कि उनके पापा CA हैं और उनकी मां प्रोफेसर हैं। इसके बावजूद उन्होंने एक्टर बनने के उनके सपने को सच बनाने में हमेशा उन्हें सपोर्ट किया, बस वो इतना चाहते थे कि उनके पास कोई बैकअप जरूर हो।