कृषि को ओर उन्नत एवं विकसित बनाने के लिए कृषि विभाग नवाचारों को अपनाएगा और इसके लिए एक कृषि विभााग एक कार्य योजना बनाने की तैयारी कर रहा है। इसे लेकर आज विभाग के आला अधिकारियों की बैठक भी हुई। इस मौके पर शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी डॉ. पृृथ्वी ने कहा कि खेती एवं किसानी में आये आधुनिक बदलावों को अपनाकर रखकर राज्य में कृषि को उन्नत एवं विकसित किया जायेगा। इसके लिए विभाग 100 दिन की कार्ययोजना बनाकर इसकी क्रियान्विति पर कार्य करेगा। शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हमारी कार्ययोजना कृषकों के सम्पूर्ण विकास पर आधारित होनी चाहिए। उन्होंने एक सप्ताह में आगामी 100 दिनों की प्रभावी कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में कृषि के क्षेत्र में हो रहे कार्याें का भी अध्ययन करें, ताकि प्रदेश को कृषि के क्षेत्र में मजबूत किया जा सके।
राज्य में रेस्तरां जैसी सेवा क्षेत्र की इकाइयों के सुविधाजनक संचालन एवं ऐसी इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने तथा इस क्षेत्र में न्यूनतम प्रदूषण भार को देखते हुए राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने रेस्तरां (स्टैंडअलोन) की श्रेणी को संशोधित किया है। मुख्य पर्यावरण अभियंता प्रेमालाल द्वारा जारी आदेशानुसार सभी स्टैंडअलोन रेस्तरां को अब हरित श्रेणी में शामिल किया गया है। पूर्व में 25 सीट से कम वाले रेस्तरां हरित श्रेणी में एवं इससे अधिक क्षमता वाले रेस्तरां ऑरेंज श्रेणी में आते थे। नए आदेश के अनुसार अब 5 करोड़ रूपए से कम पूंजी निवेश वाले रेस्तरां को संचालन एवं स्थापना के लिए मात्र. एक बार एवं इससे अधिक पूंजी निवेश वाले रेस्तरां (स्टैंडअलोन) को प्रत्येक 15 साल की अवधि के लिए मंडल स्तर से अनुमति लेनी होगी।