पुलिस आयुक्तालय, जयपुर ने राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (RUHS) से संबद्ध नर्सिंग कॉलेजों की आंतरिक सेमेस्टर परीक्षा के पेपर की हस्तलिखित प्रति प्रसारित होने के मामले में प्रभावी कार्रवाई की है। इस गंभीर प्रकरण में साइबर पुलिस थाना, जयपुर ने साक्ष्य एकत्रित कर मुख्य अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। मुख्य अपराधियों तक पहुँचने के लिए कई व्यक्तियों से पूछताछ की गई और तकनीकी इनपुट के आधार पर आसूचना को विकसित कर महत्वपूर्ण खुलासे किए गए हैं।
प्रारंभिक जांच में पाया गया कि परीक्षा के प्रश्न पत्र मुख्य रूप से हस्तलिखित फॉर्मेट में प्रसारित हुए, जिनमें मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन शामिल नहीं थे। यह प्रकरण केवल एक कॉलेज तक सीमित नहीं था, बल्कि RUHS से संबद्ध 242 नर्सिंग कॉलेजों में फैला हुआ था। इस संबंध में साइबर पुलिस थाना, जयपुर में FIR संख्या 19/2025 दर्ज की गई है, जिसमें BNS 2023 की धारा 318(4) एवं 61(2)(b) तथा राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 1992 की धारा 3, 4, 5 एवं 6 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर इस मामले की तह तक जाने के लिए विस्तृत जांच कर रही है। दो संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि कई अन्य को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
1. अभियुक्त: जीतेन्द्र सिंह शेखावत निवासी: अनुपम विहार, करणी विहार, जयपुर : यह आरोपी RUHS के परीक्षा अनुभाग में सहायक रजिस्ट्रार के पी.ए. के रूप में अनुबंधित कंप्यूटर ऑपरेटर था और उसने प्रश्न पत्रों के कुछ भाग की हस्तलिखित प्रति तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
2. अभियुक्त: दीपक सिंह शेखावत निवासी: विराट नगर, जयपुर : यह आरोपी पिंक सिटी कॉलेज ऑफ नर्सिंग, सिरसी रोड, जयपुर में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत था और उसने हस्तलिखित प्रश्न पत्रों को नर्सिंग कॉलेज के छात्रों तक पहुँचाया। मामले में अभियुक्तों से गहन पूछताछ जारी है और पुलिस ने न्यायालय से अभियुक्तों की पुलिस अभिरक्षा रिमांड प्राप्त कर ली है।
साइबर पुलिस ने सबसे पहले प्रश्नों की हस्तलिखित प्रति प्रसारित होने की गोपनीय सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान की और अनुसंधान किया।
इस सूचना के बाद पुलिस ने विस्तृत जांच शुरू की और हजारों नर्सिंग छात्रों से पूछताछ कर संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की।
कई छात्रों ने हस्तलिखित प्रश्न पत्रों के WhatsApp, Telegram पर प्रसारित होने की जानकारी दी, जो परीक्षा से पहले ही प्रसारित हो चुके थे।
इस पूरे प्रकरण में साइबर पुलिस थाना, जयपुर की विशेष टीम द्वारा विशेष व त्वरित कार्यवाही की गई, जिसमें निम्नलिखित पुलिस कार्मिक शामिल थे:
भोजराज सिंह, सहायक उप निरीक्षक
जगदीश प्रसाद, हेड कांस्टेबल 2013
संजय कुमार डांगी, हेड कांस्टेबल 2049
भूप सिंह, कांस्टेबल 11251
धर्मेंद्र सिंह, कांस्टेबल 10771
पुलिस आयुक्तालय, जयपुर सभी शैक्षणिक संस्थानों से परीक्षा की निष्पक्षता बनाए रखने की अपील करता है। सभी छात्र, शिक्षक और कर्मचारी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। "परीक्षा में अनुचित साधनों का उपयोग एक गंभीर अपराध है। इसमें संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा।" हिरासत में लिए गए संदिग्धों से पूछताछ जारी है और परीक्षा पूर्व प्रश्नों की हस्तलिखित प्रति प्रसारण के प्रकरण में शामिल अन्य लोगों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, क्रम संख्या 8, जयपुर महानगर प्रथम ने अभियुक्तों को 4 फरवरी तक पुलिस अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए हैं। मामले में अतीरिक्त पुलिस आयुक्त कुंवर राष्ट्रदीप के सूक्ष्म पर्यवेक्षण में चंद्र प्रकाश सहायक पुलिस आयुक्त साइबर द्वारा विशेष टीम के सहयोग से मामले के हरेक पहलू के बारे में अनुसंधान व सत्यापन किया जा रहा है ।