द नगरी न्यूज़ डेस्क (दीपेंद्र कुमावत)। प्रदेश में भीषण गर्मी और हीटवेव का प्रकोप लगातार जारी है जिसकी चपेट में आने से अधिकांश लोगों की हिट स्ट्रोक के चलते मौत भी हो गई, लेकिन राजस्थान सरकार और प्रशासन इस पर राहत पाने के लिए लगातार अलग-अलग प्रयास कर रहा है और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग भी अलग-अलग पहल चला रहा है इसी क्रम में प्रदेश में लू-तापघात की स्थितियों से निपटने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित किए हैं
विभाग की संवेदनशील पहल पर दानदाता-भामाशाह एवं समाज सेवी संस्थाएं भी इस प्राकृतिक आपदा में सहयोग कर रही हैं, चिकित्सा विभाग जहां अपने संसाधनों से तात्कालिक आवश्यकताओं को तुरंत प्रभाव से पूरा कर रहा है, वहीं समाजसेवी संस्थाओं का सहयोग लेकर भी चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह (Shubhra Singh) ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में हीटवेव प्रबंधन को लेकर मार्च माह से तैयारियां शुरू कर दी गई थी, और वर्तमान में अलग-अलग और भी तैयारियों शुरू कर दी है, जिससे की आमजन को राहत मिल सके, और इसके चलते 90 प्रतिशत से अधिक चिकित्सा संस्थानों में समुचित प्रबंधन सुनिश्चित हो सके, शेष 10 प्रतिशत संस्थानों में भी हीटवेव प्रबंधन को लेकर राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी (RMRS) में उपलब्ध फंड तथा दानदाताओं एवं समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। विभाग के इन प्रयासों का परिणाम रहा कि प्रदेश में लू-तापघात की प्रबलता के बावजूद स्थितियां नियंत्रण में हैं। हीट स्ट्रोक वार्डों में मरीजों एवं लू से मौतों की संख्या नगण्य है। हालांकि मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है लेकिन सुविधाएं उपलब्ध होने से तुरंत इलाज किया जा रहा है
शुभ्रा सिंह ने बताया कि राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी (Rajasthan Medicare Relief Society) और जनभागीदारी के माध्यम से चिकित्सा संस्थानों में कूलर, एसी, पंखे, वाटर कूलर, ग्रीन नेट, पेयजल, तरल पेय पदार्थ सहित अन्य इंतजाम व्यापक रूप से सुनिश्चित किए जा रहे हैं। प्रदेशभर में समाजसेवी संस्थाओं से विभाग को भरपूर सहयोग मिल रहा है। साथ ही निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि जिला अस्पताल कुचामन में 10 लाख रुपये से एसी वार्ड तैयार किया गया। चित्तौडगढ़ जिला अस्पताल में बैड की संख्या बढ़ाई गई और जम्बो कूलर्स व टैंट की व्यवस्था की गई। बीडीके अस्पताल झुंझुनूं में 50 पंखे, 20 कूलर, 2 एसी व 3 वाटर कूलर लगाए गए। जिला अस्पताल, बारां में 11 एसी, 1 वाटर कूलर, 1 चिलिंग प्लांट एवं 50 कूलर जनसहयोग से लगाए गए हैं।
जिला अस्पताल नीमकानाथा में वाटर कूलर, एसी, कूलर एवं पंखे, एसडीएच ओसियां-जोधपुर में आपातकालीन वार्ड में 2 एसी, पीएचसी कानोता में 3 जम्बो कूलर, सीएचसी देई-बूंदी में वाटर कूलर, टैंट, सीएचसी तोसीना में प्याऊ, श्रीकरणपुर सीएचसी में एसी, बूंदी अस्पताल में 15 एसी, 55 कूलर एवं 2 वाटर कूलर लगाए गए। इसी प्रकार एसडीएच झालरापाटन में 5 जम्बो कूलर, एसी, टैंट, चेयर, एसडीएच सार्दुलशहर के एनआईसीयू में एसी, सीएचसी सांगोद में एसी, कूलर, वाटर कूलर, चेयर, स्ट्रेचर आदि की व्यवस्था की गई। सीएचसी रोल नागौर, एसडीएच खाटूश्यामजी, डीएच सूरतगढ़, मेडिकल कॉलेज डूंगरपुर, मेडिकल कॉलेज बीकानेर, डीएच दौसा सहित अन्य चिकित्सा संस्थानों में वाटर कूलर, एसी, पंखें आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। साथ ही, चिकित्सा संस्थानों में दानदाताओं के सहयोग से ओआरएस एवं छाछ, नीबूं-पानी एवं अन्य तरल पेय पदार्थों का वितरण किया जा रहा है।