दिवाली आने वाली है। दिवाली का त्योहार हिन्दू धर्म के लिए सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। दिवाली पर पटाखे जलाने का चलन है। इस दिन लोग खुशियां मनाते हैं, पटाखे जलाते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से बढ़ते प्रदूषण की वजह से कई राज्यों में इस पर रोक लगाई गई है।
तो अब दिवाली आते ही सबके मन में सवाल आने लगता है कि क्या इस बार पटाखे जला पाएंगे या नहीं ? अब कोर्ट ने इस सवाल का जवाब दे दिया है। दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट ने पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने से मना कर दिया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ कर दिया कि पटाखों को लेकर जो निर्देश पहले जारी किए गए थे, वो सिर्फ दिल्ली-एनसीआर ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए थे। कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य सरकारों की जिम्मेदारी बनती है कि वो वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए जरूरी कदम उठाएं।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब ये साफ हो गया है कि दिवाली पर पटाखे जलाने का नियम अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होगा। कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के स्तर को देखते हुए राज्य सरकार को पटाखों के बैन पर फैसला लेना है। यानी जिस राज्य में पटाखे पूरी तरह बैन हैं। वहां पटाखे नहीं जलाए जा सकते हैं। अगर किसी राज्य में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति है तो वहीं सिर्फ ग्रीन पटाखे जला सकते हैं। पटाखे पर बैन के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखने की जिम्मेदारी सिर्फ कोर्ट की नहीं है।
लोगों को भी और ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि आजकल बच्चो से ज्यादा बड़े पटाखें चलाते हैं। इसलिए लोगों को पर्यावरण के बारे में सोचने की जरूरत है। जब पर्यावरण संरक्षण की बात आती है तो ये गलत धारणा बना ली जाती है कि इसका काम केवल अदालत का है। इसके साथ ही कोर्ट ने सभी राज्यों की सरकारों को वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए और पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइंस भी जारी की है।
पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट दो बार गाइडलाइंस जारी कर चुका है। आपको बता दें पहली बार 23 अक्टूबर 2018 को और दूसरी बार 29 अक्टूबर 2018 को। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि पटाखों पर पूरी तरह से रोक नहीं है और केवल उन पटाखों पर प्रतिबंध है जिसमें बेरियम सॉल्ट होता है। वहीं ,अक्टूबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर, बाकी सभी पटाखों की बिक्री और जलाने पर रोक लगा दी थी। इन पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे फोड़ने का समय भी तय कर दिया था। गाइडलाइंस के मुताबिक, दिवाली पर रात 8 से 10 बजे तक पटाखे फोड़े जा सकते हैं। वहीं, क्रिसमस और न्यू ईयर की रात 11:55 से 12:30 बजे तक पटाखे फोड़ सकते हैं।