द नगरी न्यूज़ डेस्क : राजस्थान का सबसे बड़ा जिला जैसलमेर, जिसकी पूर्ति दो शब्दों के बिना कभी नहीं हो सकती, एक है रेगिस्तान और एक है पानी,और यह दो शब्द और गहरे तब हो जाते हैं जब मई जून के महीने में गर्मी आग बरसाने वाली हो,
अगर आप वहां के किसी गांव के व्यक्ति से ये कहते हैं कि समुद्र नाम की भी दुनिया में कोई चीज होती है, तो वो विश्वास ही नहीं करता, और इसमें उनकी गलती नहीं है, क्योंकि ये लोग पानी की वो किल्लत सहन कर रहे हैं जिसमें बूंद बूंद की कीमत है, जिन्हें तालाब देखे ही जमाना हो गया वो समुद्र की बात पर कैसे ही विश्वास करेंगे? और यह समस्या आज से नहीं बल्कि सदियों से चली आ रही है |
इस भीषण गर्मी के दौर में जहां हम लोग शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर में ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक, शरबत जैसी चीजों का उपयोग करते हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें ठंड तो दूर पीने का पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा, जैसलमेर के देगराय ओरण क्षेत्र में जल विभाग द्वारा पानी की सप्लाई नहीं हो रही है, और गर्मी इतनी पड़ रही है जिसकी वजह से क्षेत्र के सभी तालाब सूख चुके हैं, ऐसे में 125 फीट गहरी बोरियों के तट पर महिलाएं अपनी जान जोखिम में डालकर उन बोरियों से पानी निकाल कर अपनी और अपने परिवार की प्यास बुझा रही हैं, आपको बता दें बोरिया बारिश के पानी को जमा करने का एक पुराना तरीका है, और पानी के संकट के कारण 32 साल बाद अब ग्रामीणों ने बोरियों की तरफ रुख किया है, इस भीषण गर्मी में गांव की महिलाएं अपनी के बर्तन को लेकर बोरियों तक पैदल पहुंच रही हैं,
आपको बता दें कि जिले के देगराय ओरण क्षेत्र में कल 35 तालाब है, इनमें से 32 तालाब सूख चुके हैं, ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या गंभीर रूप से खड़ी हो गई है, जिस पर ग्रामीणों ने अब बोरियों की तरफ रुख कर लिया है, और अपने पेयजल की व्यवस्था करनी शुरू कर दी है, क्योंकि तालाब सूखने के बाद आसपास के 10 गांव इन बोरियों पर ही निर्भर है|
अब ये तो बात हुई जैसलमेर की लेकिन भीषण गर्मी ने राजस्थान की कई जगहों पर तापमान 44 डिग्री के पार पहुंच चुका है, जिसकी वजह से लोगों का हाल बेहाल हो रहा है, ऐसे में राजस्थान से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसे देखकर आप चौंक जाएंगे, राजस्थान के बीकानेर में गर्मी कुछ इस तरह पड़ रही है इसका अंदाजा आप इस वीडियो से लगा सकते हैं जिसमें एक बीएसएफ का जवान रेत पर पापड़ सेकता हुआ नजर आ रहा है, हमें ये सोचकर भी हैरानी होती है कि हम यहां अपने घरों में बैठकर एसी कूलर होने के बावजूद भी गर्मी से निजात पाने के रास्ते खोज रहे हैं, तो वहीं हमारे देश के जवान किस तरह विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे देश की सुरक्षा में डटे हुए हैं ताकि हम सुरक्षित रह सके|
अब इस भीषण गर्मी के साथ ही लोकसभा चुनाव की गर्मी भी अपने चरम पर पहुंच गई है 4 जून को फैसला आना हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी नारा था कि हर घर नल होगा लेकिन शायद यहां पर वो इसे अमल में नहीं ला सके|