झारखंड (JHARKHAND) से कांग्रेस (CONGRESS) के राज्यसभा सांसद (Rajya Sabha MP) धीरज साहू के कई ठिकानों पर आईटी यानी इनकम (INCOME TAX) टैक्स की रेड बुधवार से जारी है। रेड में अभी तक 310 करोड़ रुपए मिल चुके है वही पर आईटी टीम को बड़ी बड़ी मशीनों से नोट गिनने पद रहे है। ऐसे में अभी कितना समय और लगेगा ये कहना संभव नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम में सबसे खास बात ये रही की इतनी बड़ी नगदी मिलने पर भी 2000 का एक भी नोट नही मिलना कही ना कही भ्रष्टाचार के साथ साथ कई अधिकारियों की मिलीभगत होने का शक पैदा करता है। अभी नोटों गिनती लगातार जारी है। अनुमान है की ये काउंटिंग 500 करोड़ के पार जा सकती है।
धीरज साहू (DHIRAJ SAHU) की ओडिशा (ODISHA) के बोलांगीर में स्थित बौध डिस्टलरीज (Boudh Distilleries) में ने यह नकद बरामदगी की है। ओडिशा के संबलपुर (Sambalpur), बोकारो (BOKARO) और रांची (RANCHI) तथा कोलकाता (KOLKATTA) से भी बड़ी मात्रा में पैसा मिला है। हालाँकि इस मामले में अब प्रश्न भी उठने लगे हैं। धीरज साहू (DHEERAJ SAHU) के ठिकानों से बरामद यह नगदी 500, 200 और इससे छोटे नोटों में है। इस पूरी बरामदगी में एक भी 2,000 का नोट नहीं निकला है। इसी कारण से प्रश्न उठ रहे हैं कि क्या रिजर्व बैंक के 2,000 के नोट को चलन से बाहर करने के निर्णय के आते ही यहाँ पहले से मौजूद नकद को बदलना चालू कर दिया गया था या फिर यह सारा नकद पैसा बीते कुछ ही माह में एकत्रित किया गया है, जब बाजार में 2,000 के नोट आरबीआई (RBI) ने भेजने बंद कर दिए थे?
भारतीय रिजर्व बैंक (RESERVE BANK OF INDIA) ने 19 मई 2023 को एक आदेश जारी करके कहा था कि वह 2,000 के नोट को चलन से बाहर कर रहे हैं। इसके बाद पूरे देश में जिन लोगों के पास 2,000 के नोट थे, वह बैंकों में इन्हें जमा करवाते दिखे थे। 30 नवम्बर 2023 तक चलन में शामिल 97% नोट मतलब 2,000 के नोट वापस आ चुके थे। इसके अलावा यदि नोट बदले भी गए तो इतनी बड़ी धनराशि को किस स्रोत से बदला गया और क्या इसमें बैंकिंग क्षेत्र के लोग भी शामिल थे? इसके अलावा जो भी धनराशि बरामद की गई है वह किस स्रोत से अर्जित की गई है? चूंकि यह धनराशि उनकी उनके शराब कारोबार की फैक्ट्री पर मिली है, ऐसे में प्रश्न उठ रहे हैं कि कहीं फैक्ट्री से ही तो अवैध तरीके से शराब बड़ी मात्रा नहीं बेची जा रही थी, जिससे यह अर्जित की गई?
बताया जा रहा है कि धीरज साहू के ओडिसा, झारखंड (JHARKHAND) और पश्चिम बंगाल (WEST BEGOL) स्थित ठिकानों से इतना नकद पैसा मिला है कि उसकी गिनती करना आयकर विभाग को मुश्किल हो रहा है। इन नोटों की गिनती के लिए आयकर विभाग को हैदराबाद (Hyderabad) और भुवनेश्वर (Bhubaneswar) से अतिरिक्त मशीने मँगानी पड़ी हैं। 6 छोटी और 6 बड़ी मशीनों की मदद से इन नोटों को गिना जा रहा है। नोटों की मात्रा इतनी ज्यादा है कि इसे गिनते-गिनते अब तक कई मशीनें खराब हो चुकी हैं। बाकी मशीनें भी लगातार गिनती के कारण गर्म हो जा रही हैं। कुछ लोगों ने यह भी दावा किया है कि अब तक की गिनती से मात्र 35% नोट ही गिने जा सके हैं और जब तक यह गिनती 100% होगी, तब तक आँकड़ा कहीं ऊपर पहुँच चुका होगा।