राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर 5 जनवरी को मतदान होना है। दरअसल राजस्थान में 26 नवंबर को मतदान हुआ और 3 दिसंबर को मतगणना के बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार बन चुकी है। लेकिन श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के बाद यहां चुनाव स्थगित कर दिया गया था लेकिन अब 5 जनवरी को इस सीट चुनाव होना है। इस सीट पर कांग्रेस ने जहां गुरमीत सिंह कुन्नर के बेटे रूपिंदर सिंह कुन्नर को चुनाव मैदान में उतारा है तो वहीं भाजपा ने इस सीट से पूर्व मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को चुनावी मैदान में उतारा है। लेकिन इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में किस्मत आजमा रहे 78 वर्षीय तीतर सिंह सुर्खियों में हैं.
तीतर सिंह कई बार चुनावों में अपनी किस्मत आजमा चुके है और इस बार फिर श्रीकरणपुर विधासभा चुनाव में ताल ठोक रहे है। तीतर सिंह अब तक 31 बार अलग—अलग चुनावों में अपना भाग्य आजमा चुके है। तीतर सिंह ने अपना पहला चुनाव 1970 में लड़ा था और तब से लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनाव मिलाकर कई चुनाव लड़ चुके हैं.हालांकि इन सभी चनावों में तीतर सिंह को हार का सामना करना पडा है। हार के बावजूद तीतर सिंह 32वीं बार चुनाव लड रहे है। तीतर सिंह का कहना है कि मैं हमेशा गरीब लोगों की आवाज उठाने की कोशिश करता हूं और मुझे उम्मीद की इस बार लोग मुझे जरूर वोट देंगे। अब तक कई चुनावों में तीतर सिंह जमानत भी नहीं बचा पाए है लेकिन उनका हौसला बरकार है. वह कहते हैं,मैं चुनाव लड़ना जारी रखूंगा क्योंकि वे किसी पार्टी या लोगों तक ही सीमित नहीं है
तीतर सिंह अपना जीवनयापन करने के लिए मजदूरी करते है। तीतर सिंह की ओर से जब चुनावी हलफनामा दिया गया तब बताया गया कि उनके पास कुल संपत्ति 2500 रुपए थी और इन पैसों का इस्तेमाल भी तीतर सिंह ने नामांकन में कर लिया। वह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) योजना से मिलने वाली मजदूरी पर निर्भर करते हैं. उनके बच्चों की शादी हो चुकी है और वे भी मनरेगा के तहत मजदूरी करते हैं.तीतर सिंह ने औपचारिक स्कूली शिक्षा प्राप्त नहीं की है.