गर्मी के साथ ही सबसे ज्यादा जरूरत अक्सर हमें पेयजल की होती है और मौजूदा हालात में प्रदेश में गर्मी अपना प्रचंड प्रकोप दिखा रही है जिससे की पेयजल की मांग लगातार बढ़ती जा रही है दरअसल राजधानी में पेयजल की मांग सबसे ज्यादा देखने को मिलती है जिसकी आपूर्ति के लिए प्रशासन पुरजोर कोशिश कर रहा है
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के शासन सचिव डॉ समित शर्मा (Dr. Samit Sharma) ने बताया कि ग्रीष्मकालीन के दौरान जयपुर शहर में पेयजल की आपूर्ति नियमित रूप से की जाए जिससे उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। डॉ. शर्मा बताया कि भीषण गर्मी को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति तक पेयजल पहुंचाना चाहिए और अगर पेयजल नहीं मिलने, दूषित होने अथवा कम मात्रा में आने वाली समस्त शिकायतों या समस्याओ को उसी दिन अथवा तीन दिन में समाधान करें। साथ ही कंट्रोल रूम के अलावा व्हाट्सएप ग्रुप पर आई शिकायतों का भी उसी दिन समाधान करने का प्रयास करें।
शासन सचिव ने मंगलवार को जयपुर शहर में पेयजल की आपूर्ति की समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही। डॉ. शर्मा ने कहा कि समर कंटीन्जेंसीज के तहत किए जा रहे कार्यों को समय पर गुणवत्तापूर्ण तरीके से किया जाए इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नलकूप एवं हेड पंप के दोहन कार्य हेतु भूजल विभाग की मशीनों का उपयोग किया जाए।
शासन सचिव ने कहा कि जयपुर शहर में पेयजल व्यवस्था के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए साथ ही अन्य जल स्रोतों का चयन किया जाए। डॉ. शर्मा ने कहा कि जयपुर शहर में चल रहे कार्यों का निरंतर रूप से मॉनिटरिंग की जाए साथ ही नलकूपों पर फ्लो मीटर लगाया जाना सुनिश्चित करें। शासन सचिव ने कहा कि जयपुर शहर में टैंकर के माध्यम से जिन क्षेत्रों में सप्लाई की जा रही है उनकी मॉनिटरिंग सही ढंग से की जाए साथ ही इस कार्य में पारदर्शिता के साथ बिलों का भुगतान किया जाना सुनिश्चित करें। शहर में प्रतिदिन की जा रही पेयजल आपूर्ति की समीक्षा करते हुए कहा कि संबंधित क्षेत्र या कॉलोनी में निर्धारित समय अवधि में ही पेयजल की आपूर्ति किया जाना सुनिश्चित करें।
डॉ. शर्मा ने कहा कि पेयजल व्यवस्था में अगर कोई अधिकारी या कार्मिक पारदर्शिता के साथ कार्य नहीं करता है या अन्य कोई भी लापरवाही करने वाले अधिकारियों एवं कार्मिकों के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।