मुख्यमंत्री निवास पर बजट घोषणाओं के लिए आयोजित धन्यवाद सभा में माटी कला बोर्ड के प्रतिनिधिमण्डल को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि माटी कला समाज के लोग सामाजिक सरोकारों तथा राष्ट्रहित में काम करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। इस समाज के लोगों को प्रजापत की संज्ञा दी जाती है क्योंकि वे मिट्टी को अपने हुनर के माध्यम से मूर्तरूप प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को तेज, संतुलित एवं समावेशी बनाने के लिए कला एवं कलाकारों को लगातार प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार माटी कला से जुड़े कलाकारों के उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य सरकार द्वारा 5 करोड़ रुपये की लागत से माटी कला सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना, माटी कलाकारों को एक हजार इलेक्ट्रिक चाक और मिट्टी गूंथने की मशीनें, हैण्डलूूम, हैंडीक्राफ्ट एवं एमएसएमई सेक्टर के 50 क्लस्टर अगले तीन साल में विकसित करने जैसे निर्णय किए गए हैं। साथ ही, राज्य के प्रत्येक जिले को एक्सपोर्ट हब बनाया जाएगा, इसके लिए राजस्थान वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉडक्ट पॉलिसी 2024 लाई जाएगी।
शर्मा ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 18 व्यवसायों के दस्तकारों को 5 प्रतिशत की दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य सरकार ऐसे ऋणों पर 2 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज अनुदान देगी।उन्होने कहा कि रोजगार व निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई पॉलिसी-2024 लायी जाएगी। हमारी सरकार ने उद्यमियों को देश-विदेश में अपने उत्पादों की बिक्री में आवश्यक मदद देने के लिए 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि इन सभी योजनाओं को शीघ्र धरातल पर उतारा जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमें अपने नागरिक कर्तव्यों को निभाते हुए आस-पड़ोस में रह रहे प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति तक केन्द्र एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पर्यावरण दिवस पर एक पेड़ मां के नाम अभियान शुरू किया गया। शर्मा ने सभी लोगों का आह्वान किया कि पर्यावरण संरक्षण में अपनी महती भूमिका निभाते हुए इस अभियान का हिस्सा बनें तथा पेड़ लगाने के साथ उनकी देखभाल भी करें।