राजस्थान के कोटा में 1400 करोड़ का रिवर फ्रंट बनकर तैयार हो चुका है और आज इसका उद्घाटन होने जा रहा है। दावा है कि ये रिवर फ्रंट अकेले 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएगा। करीब साढ़े पांच किलोमीटर एरिया में फैले इस रिवर फ्रंट का एक हिस्सा यहां आने वाले टूरिस्ट पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की आंख से भी देख सकेंगे। वसुधैव कुटुंबकम थीम पर तैयार हुए इस रिवर फ्रंट में 22 घाट है। इन सभी की अलग-अलग कहानी है। इस मॉडल को देखने के लिए पहली बार 25 देशों के राजदूत भी मौजूद रहेंगे।
इन ऐतिहासिक सौगातों के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शामिल नहीं होंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का 12 सितंबर का कोटा दौरा अपरिहार्य कारणों से रद्द हो गया है। अब वो आज के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। हालांकि 13 सितंबर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम यथावत रहेंगे।
यहां पर चम्बल माता की 225 फ़ीट ऊंची संगमरमर की मूर्ति भी स्थापित की गई है। चम्बल रिवर फ्रंट के जवाहर घाट पर पं. जवाहर लाल नेहरू का विश्व का सबसे बड़ा गन मेटल का मुखौटा बनाया गया है। साथ ही, दुनिया का सबसे बड़ा नन्दी भी यहां बना है।
इसी प्रकार, एक बगीचे में 10 अवतारों की मूर्ति लगाई गई है तथा बुलन्द दरवाजे से ऊंचा दरवाजा बनाया गया है। राजपूताना घाट पर राजस्थान के 9 क्षेत्रों की वास्तुकला व संस्कृति को दर्शाया गया है। मुकुट महल में 80 फ़ीट ऊँची छत है तथा यहाँ पर सिलिकॉन वैली भी है। ब्रह्मा घाट पर विश्व की सबसे बड़ी घण्टी बनाई गई है जिसकी आवाज 8 किमी दूर तक सुनी जा सकेगी। साहित्यिक घाट पर पुस्तक, प्रसिद्ध लेखकों की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई है।
ये बने है घाट -
चम्बल माता घाट, गणेश पोल, मरू घाट, जंतर-मंतर घाट, विश्व मैत्री घाट, हाड़ौती घाट, महात्मा गांधी सेतु, कनक महल, फव्वारा घाट, रंगमंच घाट, साहित्य घाट, उत्सव घाट शामिल हैं। साथ ही, सिंह घाट, नयापुरा गार्डन, जवाहर घाट, गीता घाट, शान्ति घाट, नन्दी घाट, वेदिक घाट, रोशन घाट, घंटी घाट, तिरंगा घाट, शौर्य घाट, राजपूताना घाट, जुगनु घाट, हाथी घाट और बालाजी घाट का भी लोकार्पण होगा ।