राजस्थान के चिकित्सा विभाग को दवाओं के लिए अब निजी कंपनियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, क्योंकि प्रदेश में गत सात साल से बंद पड़ी “राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल लिमिटेड” को फिर से शुरू किया जा रहा है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद इस फैक्ट्री को शुरू करने से अब लोगों को दवाई की किल्लत नहीं झेलनी पड़ेगी, वही सरकार को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं तैयार मिलेगी।
बता दे कि देश में राजस्थान पहला ऐसा राज्य है जहां करीब 2,000 तरह की दवाइयां और सर्जिकल सामान जनता को नि:शुल्क मिलती है। साल 2022 में नि:शुल्क दवा योजना शुरू हुई थी। नि:शुल्क दी जाने वाली इन दवाइयों में आंख, एंटीबायोटिक इंजेक्शन, पैनकिलर, स्किन मेडिसिन, विटामिन इंजेक्शन, नेजल स्प्रे, अस्थमा और कफ सीरप जैसी कई दवाइयां शामिल है। वहीं इन दवाओं की खरीद निजी कंपनियों से करनी पड़ती हैं।
हालांकि इसमें एक वक्त भी लगता है और दवाओं की कीमतें भी निजी कंपनियों के अनुसार होती हैं, लेकिन अब प्रदेश में दवा, सीरप, कैप्शूल, पाउडर और ड्राई सीरप जैसी चीजों पर सरकार का बड़ा खर्च बचेगा और केवल लागत में ही सरकार को दवाएं मिलेगी। क्योंकि सात साल बाद एक बार फिर से राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल लिमिटेड को शुरू किया जा रहा है। इसे लेकर कैबिनेट ने भी मंजूरी दे दी हैं। इसके बाद बंद आरडीपीएल वापस से दवाओं उत्पादन कर सकेगी।
रोचक बात यह है कि दवा कंपनी को शुरू करने के लिए 25 ऐसे कर्मचारी हैं, जो बिना वेतन के ही संघर्ष कर रहे हैं। राज्य की 300 करोड़ रुपए की अकेली सरकारी दवा कंपनी राजस्थान ड्रग्स फार्मास्यूटिकल लिमिटेड को फिर से शुरू की जा रही है।
इस बीच चिकित्सा मंत्री की माने तो कंपनी को चलाने के लिए केंद्र के सामने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहल करते हुए भारत सरकार के सामने आरडीपीएल को पुनः चलाने की इच्छा जताई थी। अब तक आरडीपीएल के संचालन नहीं होने के कारण सरकार ने इलाज में काम में आने वाली पैरासिटामोल 500 एमजी, एस्कोर्बिक एसिड, जिंक सल्फेट, लिओसिट्रेजीन टेबलेट, एजीथ्रोमाइसिन टेबलेट 500 एमजी दवाओं की खरीद के लिए भी टैंडर करने पड़ रहे थे। आरडीपीएल की दवा निर्माण की विश्व स्तरीय मानदंड पर आधारित मशीनों से एक दिन में एक करोड़ टेबलेट, 25 लाख कैप्शूल, एक लाख ओआरएस पाउडर पाउच और 20 हजार सीरप बनाने की क्षमता थी।
बहरहाल, दवाओं की जांच के लिए लैब, स्टाफ एवं मशीनों के साथ ही उपकरण स्थापित करने की योजना तैयार की जा रही है। सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले कुछ महीनों में ही इस कंपनी में दवाओं का निर्माण शुरू किया जा सकेगा।