राजस्थान मिशन 2030 अभियान के संबंध में शनिवार को पशुपालन और गौपालन विभाग तथा राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन की संयुक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय अधिकारियों, कार्मिकों और हितधारकों का आमुखीकरण कार्यक्रम शासन सचिव श्री विकास एस. भाले की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़ते हुए पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने राजस्थान मिशन 2030 को सफल बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि नौजवान पीढ़ी अपने विचार और सुझाव देकर विभाग के दस्तावेज को बनाने में अपना योगदान करें। उन्होंने लम्पी से गौवंश को बचाने के प्रयास में विभाग के कार्मिकों की सराहना करते हुए कहा कि संकट के इस समय में हमारा प्रयास पूरे देश में प्रशंसनीय रहा।
इस अवसर पर शासन सचिव विकास एस. भाले ने कहा कि बदलते समय की आवश्यकतानुसार प्रदेश को प्रगति की राह पर अग्रसर करने के लिए राजस्थान मिशन 2030 की रूपरेखा तैयार करनी है। इसके लिए समाज के हर वर्ग का प्रतिनिधित्व होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सर्वे फार्म भरकर निदेशालय को भिजवाएं जिससे नीति निर्धारण में सभी की भूमिका हो सके। उन्होंने समयबद्ध तरीके से सभी को सुझाव भेजने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने विभाग की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए कहा कि हम दुग्ध उत्पादन में देश में पहले स्थान पर हैं अब हमें इसके संग्रहण और प्रसंस्करण पर ध्यान देने की जरूरत है।
इस अवसर पर बोलते हुए पशुपालन निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड़ ने कहा कि हमारे लिए गर्व का विषय है कि राजस्थान आज सम्पूर्ण देश में दुग्ध एवं ऊन उत्पादन में सर्वोच्च स्थान पर है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2030 तक हर क्षेत्र में राजस्थान को भारत का सिरमौर बनाने की दिशा में महत्त्वाकांक्षी ‘राजस्थान मिशन-2030’ का शुभारंभ किया है। राजस्थान राज्य पशुपालन सहित हर क्षेत्र में देश का मॉडल स्टेट बन गया है। अब हमें 2030 के राजस्थान के सपने को विजन-2030 डॉक्यूमेंट के जरिए साकार करना है।
गोपालन मंत्री प्रमाद जैन भाया भी वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा आमुखीकरण कार्यक्रम से जुड़े।
वी सी के दौरान विभागों की उपलब्धियों का प्रस्तुतिकरण भी दिया गया। इसके अलावा ऑनलाइन सुझाव भेजने की प्रक्रिया, जन कल्याण मोबाइल एप के माध्यम से फेस टू फेस सर्वे की प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
इस आमुखीकरण कार्यक्रम में प्रबंध निदेशक, राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन सुषमा अरोड़ा ने अपने विभाग की उपलब्धियों पर अपनी प्रस्तुति दी। गोपालन विभाग की उपलब्धियों पर डॉ. तपेश माथुर द्वारा प्रस्तुतिकरण किया गया।