राजस्थान में बारिश का दौर खत्म होने के बाद डेंगु ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। राजस्थान में पिछले दो सप्ताह में 2200 नए केस सामने आए हैं। वही पिछले करीब 10 दिनों में 5 जानें जा चुकी हैं। मरने वालों में डॉक्टर, RAS अफसर, नर्सिंग की छात्रा, बिजनेसमैन तक शामिल हैं। हालात अब और खतरनाक होते नजर आ रहे है। वही जयपुर के सरकारी अस्पताल के वार्ड डेंगु के मरिजो से भरे हुए है। सबसे ज्यादा मरिज डेंगु के आरहे है।
राजस्थान में बढते डेंगु के प्रकोप को लेकर जयपुरिया हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ और सीनियर प्रोफेसर डॉ. दीपेन्द्र गर्ग ने कहा की अभी दीपावली तक का समय बहुत खतरनाक है। इस दौरान डेंगू-मलेरिया के सबसे ज्यादा केस आते हैं।इन दिनों तेज बुखार और डेंगू के लक्षण वाले बच्चे ओपीडी में आ रहे हैं। इनमें से 15 फीसदी को भर्ती करना पड़ रहा है। इसके पीछे कारण परिजनों की लापरवाही है। अक्सर परिजन बुखार आने, पेट दर्द होने या उल्टियां होने के दो दिन बाद या उससे भी देरी से आ रहे हैं। इसके बाद कई बच्चों में प्लेटलेट्स गिरकर 20 हजार या उससे भी नीचे आने की स्थिति बन रही है। हालांकि ऐसे बच्चों को एडमिशन के बाद बिना एसडीपी चढ़ाए भी ठीक किया जा रहा है। वही उन्होने कहा की अभी बच्चों में जो केस आ रहे हैं, उसमें सीवियरिटी कम है। सतर्क रहने की जरूरत है। बच्चों में उल्टी, पेट दर्द के साथ ब्लीडिंग की समस्या भी आ रही है। उल्टियां ज्यादा होने के कारण कई बार बच्चे डी-हाइड्रेड भी हो रहे हैं।
राजस्थान में सबसे ज्यादा डेंगु के केस जयपुर में सामने आये है। वही जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, दूदू और कोटपूतली के एरिया में 991 से ज्यादा मरीज डेंगू के सामने आ चुके है। दूसरा नंबर उदयपुर का है, जहां 643 से ज्यादा डेंगू मरीज मिल चुके हैं। वही सरकारी रिपोर्ट में अब तक केवल डेंगू से 2 ही मरीजों (कोटा और जयपुर ग्रामीण) की मौत होना बताया है, जबकि हकीकत ये है कि पिछले एक माह में डेंगू से 5 मरीजों की मौत हो चुकी है। इसमें उदयपुर की आरएएस ऑफिसर तरु सुराणा (42), झुंझुनूं के बिसाऊ के वार्ड 12 निवासी खेरूनिशा (36), पाली का बिजनेसमैन सुरेश घांची, कोटा की एएनएम ट्रेनिंग सेंटर की स्टूडेंट नाजिया खानम (21) और जयपुर की डॉक्टर ज्योति मीणा शामिल हैं।