ऊर्जा और सड़कों को लेकर राजस्थान सरकारी की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है, गुरुवार को आयोजित हुई भजनलाल सरकार की कैबिनेट में इस फैसले पर मुहर लगी, ऊर्जा के क्षेत्र में जहां सवा दो करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा तो वहीं सड़कों के लिए सीआरआईएफ के अंतर्गत 1357 करोड़ रुपये भी भजनलाल सरकार की ओर से स्वीकृत किए गए हैं
मुख्यमंत्री ने बताया कि हमारी सरकार प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य कर रही है, तीन साल बाद राजस्थान बिजली उत्पादन के क्षेत्र सरप्लस की स्थिति में आ जाएगा और प्रदेश बिजली खरीदने के स्थान पर दूसरे राज्यों को बिजली बेचने में सक्षम हो जाएगा, उन्होंने बताया कि इस क्रम में बीते दिनों 3 हजार 325 मेगावाट की थर्मल परियोजनाएं एवं 28 हजार 500 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं संयुक्त उपक्रम स्थापित करने के लिए करीब 1 लाख 60 हजार करोड़ रूपए के एमओयू किए गए है,
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बताया कि राजस्थान ऊर्जा विकास निगम एवं एसजेवीएन के मध्य 600 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं से बिजली की आपूर्ति के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किये गये हैं, इसमें 100 मेगावाट टैरिफ आधारित निविदा प्रक्रिया के तहत 2.62 पैसे प्रति यूनिट तथा 500 मेगावाट एमएनआरई की सीपीएसयू स्कीम के तहत 2.57 पैसे प्रति यूनिट की दर पर 25 वर्षों के लिए विद्युत आपूर्ति की जाएगी। श्री शर्मा ने बताया कि 4 ग् 800 मेगावाट कोल आधारित परियोजना, 8000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना टैरिफ आधारित निविदा प्रक्रिया माध्यम से करने हेतु प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है, इन परियोजनाओं की स्थापना से लगभग 64,000 करोड़ रूपये का निवेश अपेक्षित है, इस प्रकार प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में कुल करीब सवा दो लाख करोड़ रूपए का निवेश होगा
मुख्यमंत्री शर्मा ने यह भी बताया कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सीआरआईएफ के अंतर्गत राजस्थान में 31 प्रमुख जिला सड़कों और राज्य राजमार्गों को चौड़ा और सुदृढ़ करने के लिए 972.80 करोड़ रुपये स्वीकृत किए है, साथ ही, सीआरआईएफ के अंतर्गत सेतु बंधन योजना के तहत विभिन्न जिलों में 07 आरओबी, आरयूबी, फ्लाईओवर के निर्माण कार्य के लिए 384.56 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं