आलाकमान सभी पहलुओं पर आपस में मंथन और विचार विमर्श करके काफी पहले निर्णय कर लेता है,बस आलाकमान अपने निर्णय जनता के समक्ष सही टाइम आने पर बताता है,हाल ही में उदाहरण के तौर पर देखे तो हाईकमान ने राजस्थान में भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय काफी समय पहले ही ले लिया था,इस बात का एक प्रमाण ये है कि बीजेपी ने जयपुर में चार सीटों को सुरक्षित करते हुए मुख्यमंत्री और दूसरे नेताओं को जीताने के लिए,विधाधर नगर से दिया कुमारी, सांगानेर से भजनलाल शर्मा को मैदान में उतारा। भजनलाल शर्मा को सांगानेर सीट से चुनाव लडवाना अपने आप में एक संकेत था की भजनलाल शर्मा को भारी जिम्मेदारी मिलने वाली है।
विधानसभा चुनाव के नतीजे आए 20 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया है,ऐसे में कयास लगाएं जा रहे हैं कि जैसे बीजेपी ने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाकर राजस्थान में सबको चौंका दिया था,वैसे ही क्या पार्टी मंत्रिमंडल में भी चौकाने वाले चेहरे को मौका देगी। हाल ही में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि आप लोगों को लगता है कि भाजपा में राजनीतिक निर्णय जैसे टिकट वितरण, मुख्यमंत्री का चयन, अचानक हो जाता है, तो ये सब आपका भ्रम है, पार्टी की पूरी एक्सरसाइज जमीनी जानकारियां इकट्ठी करके डिटेल में प्रेजेंट की जाती है।
भाजपा आलाकमान का लक्ष्य लोकसभा चुनाव जीतना या सिर्फ सत्ता में आना ही नहीं है,बल्कि 20 साल तक राज्य में सत्तारूढ़ रहना है,इसलिए राज्य में पार्टी कि ओर से सतयुगी प्रशासन देने का लक्ष्य चुना गया है,सतयुगी प्रशासन का देने का लक्ष्य पार्टी ने इसलिए चुना है क्यों की इस बार सिर्फ भाजपा ना सिर्फ आगामी लोकसभा चुनाव जीतने की तैयारी कर रही है,बल्कि अगले 20 साल तक राजस्थान में सत्ता में रहने का लक्ष्य बनकर चल रही है। इस बार प्रदेश में नए युवा विधायकों की संख्या ज्यादा है जो मंत्री बन सकते हैं