द नगरी न्यूज़ डेस्क : राजस्थान विधानसभा में ब्यावर से विधायक शंकर सिंह रावत ने रोचक मांग रखी उन्होने ईआरसीपी का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी के नाम पर रखने की मांग की। उन्होने तर्क देते हुए कहा की जब जब इंदिरा गांधी नहर नाम रखा जा सकता है, तो नरेंद्र मोदी क्यों नहीं रखा जा सकता? ईआरसीपी तो पीएम नरेंद्र मोदी ही लेकर आए हैं. फिर उनके नाम पर क्यों नहीं रखा जाए।
राजस्थान विधानसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान ब्यावर से विधायक शंकर सिंह रावत ने ईआरसीपी का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी के नाम पर रखने की मांग की मांग की थी और ब्यावर को ईआरसीपी से जोडने मांग की थी।इसी को लेकर जल संसाधन मंत्री ने जवाब में कहा की हम अजमेर में एक बाध का निर्माण कर रहे है जिस से अजमेर के आस पास के लोगो की प्यास बुझाने का काम करेगा।
2017-18 के राज्य बजट में पेयजल एवं सिंचाई जल परियोजना पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) की घोषणा की गई थी।इन जिलों को किया गया था शामिल झालावाड़, बारां, कोटा बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर और धौलपुर शामिल थे। वही राजस्थान में भजनलाल सरकार बनने के बाद राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकारों ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। वही ईआरसीपी योजना का उद्देश्य दक्षिणी राजस्थान में चंबल, कुन्नू, पार्वती, कालीसिंध सहित इसकी सहायक नदियों में बरसात के मौसम में उपलब्ध अतिरिक्त जल का संचयन करना और इस जल का उपयोग राज्य के दक्षिण-पूर्वी ज़िलों में करना है, जहाँ पीने तथा सिंचाई के लिये जल की कमी है।