दीपेंद्र कुमावत |
प्रदेश में लगातार युवाओं में बढ़ती नशे की लत एक तरह से शोक हो गया है नशाखोरी बढ़ने और इसकी तस्करी को रोकने के लिए राजस्थान पुलिस प्रदेश में लगातार अभियान चला रही है इस संबंध प्रदेश में नशाखोरी पर प्रभावी नियंत्रण एवं उन्नमूलन के लिए पुलिस मुख्यालय के निर्देशन में गत 15 मई से संचालित विशेष अभियान में सभी जिलों में प्रभावी कार्यवाही करते हुए बड़ी संख्या में मादक पदार्थों की जब्ती करते हुए इनकी तस्करी से जुड़े अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस महानिदेशक (DGP) उत्कल रंजन साहू ने बताया कि इस विशेष अभियान के तहत अब तक प्रदेशभर में 445 प्रकरणों में 476 व्यक्तियों को गिरफ्तार करते हुए 34.97 करोड़ रुपये के मादक पदार्थों को जब्त किया गया है, जिसमें मादक पदार्थों के उत्पादन के स्रोत पर भी कार्रवाई की जाएगी। साहू ने बताया कि इस अभियान के तहत प्रदेश में 14.55 लाख किलोग्राम डोडा पोस्त, 1411 किलोग्राम डोडा, 197 किलोग्राम गांजा, 31 किलोग्राम गांजे के पौधे, 36 किलोग्राम अफीम, 9.7 किलोग्राम स्मैक, 3 किलोग्राम अफीम का दूध एवं 2.5 किलोग्राम हेरोइन सहित 7.96 किलोग्राम अन्य साइकोट्राफिक पदार्थों की जब्ती की जा चुकी है।
डीजीपी साहू ने बताया कि मादक पदार्थों के विक्रय में लगातार बढ़ोतरी होने से यह अभियान चलाया गया और इस अभियान के तहत जयपुर और जोधपुर के पुलिस उपायुक्तों के अलावा जीआरपी अजमेर एवं जोधपुर सहित समस्त जिलों के पुलिस अधीक्षकों को उनके क्षेत्र में संचालित विद्यालय, महाविद्यालय या छात्रावासों के निकट स्थित डेयरी बूथ, पान की दुकान या चाय की थड़ी आदि पर मादक पदार्थों के विक्रय पर भी प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे ऐसे स्थानों पर इनकी बिक्री पर रोक लगाई जा सके। इन पुलिस अधिकारियों को अपने क्षेत्राधिकार में बीट कांस्टेबल, बीट प्रभारी एवं थानाधिकारियों की इस अभियान में जिम्मेदारी तय करते हुए धरातल पर ठोस एवं प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी ने बताया कि कि इस अभियान के तहत जिलों में मादक पदार्थों की तस्करी परिवहन एवं आपूर्ति के आदतन अपराधियों की गतिविधियों के बारे में सूचना संकलित कर लगातार प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। साथ ही आवश्यकतानुसार दुकान, आवास एवं गोदामों की तलाशी भी ली जा रही है।
साहू ने बताया कि इसके अलावा अभियान में मादक पदार्थों के परिवहन, तस्करी एवं आपूर्ति से जुड़े पूर्व के मामलों में स्थाई वारंट एवं गिरफ्तारी वारंट के वांछित अपराधियों की धरपकड़ भी की जा रही है। वहीं पुलिस अधिकारियों को मादक पदार्थों की तस्करी के सरगनाओ का आपराधिक रिकॉर्ड तैयार करने के भी निर्देश दिए गए है, इसके तहत उनके विरुद्ध दर्ज सभी प्रकरण,अपराध से अर्जित संपत्ति, लंबित प्रकरण एवं इन प्रकरणों में पेशी की तारीख जैसी महत्वपूर्ण सूचनाओं को समाहित किया जा रहा है। उक्त संकलित सूचनाओं आधार पर आगामी दिनों में चिन्हित अपराधियों के विरूद्ध निषेधीकरण एवं संपति जप्ती की कार्यवाही प्रचलित प्रावधानों के अन्तर्गत की जायेगी।
डीजीपी साहू ने बताया कि नशाखोरी एक बेहद जटिल समस्या है, जिससे सामाजिक समुदाय में ताने-बाने मिलने के साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। नशे की लत से लोगों के निजी जीवन में पारिवारिक कलह जैसी समस्याएं पैदा होती है। इसी को देखते हुई राजस्थान पुलिस ने इसे रोकने के लिए अभियान चलाया है