बहु प्रतीक्षित व्याख्याता पद की पदोन्नति हेतु शिक्षा विभाग द्वारा 47 हजार की अस्थाई पात्रता सूची जारी कर दी गई है, पिछले 4 सालों से यूजी पीजी समान विषय नियम लागू करने से रुकी हुई थी, लेकिन अब 7 फरवरी को इस नियम में संशोधन कर 3 अगस्त 2021 से पूर्व यूजी पीजी असमान विषय वाले शिक्षकों को सम्मिलित करते हुए अस्थाई पात्रता सूची जारी कर दी गई है, साथ मुख्य सचिव के निर्देश अनुसार 31 मार्च से पूर्व विभाग में सभी डीपीसी करने की तैयारी चल रही है
लेकिन यह पूरी डीपीसी प्रक्रिया पूरी होने पर संशय है क्योंकि वर्तमान में वरिष्ठ अध्यापक के 30 हजार पद रिक्त चल रहे हैं, ऐसे में अगर यह पदोन्नति हो जाती है तो करीब 20 हजार से अधिक वरिष्ठ अध्यापक की पदोन्नति होगी जिससे वरिष्ठ अध्यापक के 50 हजार पद खाली हो जाएंगे ऐसे में नए सत्र में कक्षा नवी एवं दसवीं में पढ़ाने वाले शिक्षक उपलब्ध नहीं हो पाएंगे
राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा का कहना कि अगर तृतीय श्रेणी से वरिष्ठ अध्यापक पद पर पदोन्नति जो 4 वर्ष से उच्चतम न्यायालय में लंबित है, अतिरिक्त विषय की योग्यता के सम्बंध में निदेशक के 28 जुलाई 2022 के विवादास्पद आदेश को तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने सर्वोच्च न्यायालय से स्थगन स्टे ले रखा हुआ है
शिक्षा विभाग के अपने ही आदेशों के मकड़ जाल में उलझा हुआ है, जहां सीधी भर्ती में अतिरिक्त विषय स्नातक वालों को नियुक्ति दी जा रही है, वहीं दूसरी ओर अतिरिक्त विषय में स्नातक के 700 शिक्षकों को पदोन्नति नहीं किया जा रहा, ऐसे में तृतीय श्रेणी से वरिष्ठ अध्यापक पद की 4 वर्ष से डीपीसी रुकी हुई है, अगर सरकार निदेशक के 28 जुलाई 2022 के विवादास्पद आदेश को प्रत्याहारित कर लेती है तो उच्चतम न्यायालय से इन डीपीसी पर स्थगन हट जाएगा और करीब 25 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षक वरिष्ठ अध्यापक पद पर पदोन्नति हो जाएंगे ,ऐसा होने से वरिष्ठ अध्यापकों के पद ज्यादा खाली नहीं रहेंगे
शिक्षा विभाग में पदोन्नति कड़ी से कड़ी जुड़ी हुई है अगर यह कड़ी सुचारू रूप से होती रहती है तो किसी भी वर्ग के अधिक पद खाली नहीं रहेंगे, तृतीय श्रेणी शिक्षकों का रास्ता खुल जाने जितने वरिष्ठ अध्यापक व्याख्याता बनेंगे उतने ही तृतीय श्रेणी से वरिष्ठ अध्यापक के पद पर पदोन्नति हो जाएगी ऐसे में रिक्त पदों का ग्राफ नहीं बढ़ पाएगा और बच्चों को पढ़ने वाले शिक्षक भी उपलब्ध हो जाएंगे, सरकार को अभी चाहिए कि पहले तृतीय श्रेणी से वरिष्ठ अध्यापक पदोन्नति का रास्ता साफ करें तभी आगे के पदों पदोन्नति हो सकेंगी