श्री सीमेंट ने अगले 5 सालों में रु 15000 करोड़ की निवेश योजनाओं के साथ राजस्थान में अपनी अग्रणी स्थिति को बनाया और मजबूतए तकरीबन 1700 प्रत्यक्ष नौकरियां उत्पन्न होंगी वर्तमान में श्री सीमेंट राजस्थान में 11000 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां तथा 30000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर उत्पन्न करती है कंपनी महिला सशक्तीरण एवं सामाजिक बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए राजस्थान के सामुदायिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है राजस्थान 03 मार्च 2025: भारत की सबसे बड़ी और सबसे तेज़ी से विकसित होती सीमेंट कंपनियों में से एक श्री सीमेंट ने अगले 5 सालों में राजस्थान में रु 15000 करोड़ की निवेश योजनाओं के साथ राज्य में अपनी स्थिति को और मजबूत बना लिया है। कंपनी ने हाल ही में राजस्थान सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे जिसके तहत कंपनी ब्यावर जैसलमेर नागौर और झुंझुनु में सीमेंट प्लांट्स की स्थापना के लिए रु 14000 करोड़ का निवेश करेगी।
कंपनी सूरतगढ़ और नवलगढ़ में आगामी सीमेंट ग्रांइंडिंग युनिट्स को सेवाएं प्रदान करने के लिए निजी रेलवे साइडिंग विकसित करने हेतु रु 600 करोड़ का आवंटन करेगी। कंपनी ने जैसलमेर और बाड़मेर में सोलर पावर प्लांट स्थापित करने के लिए रु 400 करोड़ की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। उम्मीद है कि इस निवेश से क्षेत्र में लगभग 1700 प्रत्यक्ष नौकरियां तथा 5000 अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर उत्पन्न होंगे। श्री सीमेंट ने 40 साल पहले ब्यावर में अपनी पहली मैनुफैक्चरिंग युनिट स्थापित की थी। वर्तमान में यह रास ब्यावर और नवलगढ़ में तीन इंटीग्रेटेड प्लांट्स के माध्यम से तथा जोबनेर सूरतगढ़ और कुरूक्षेत्र में ग्राइंडिंग प्लांट्स के माध्यम से राजस्थान में अपना संचालन करती है। यह राजस्थान में 11000 स्थायी एवं अनुबंध स्टाफ को प्रत्यक्ष रोज़गार तथा 30000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोज़गार उपलब्ध कराती है। रास में श्री सीमेंट के आर एण्ड डी प्लांट को और साथ ही ब्यावर प्लांट को भारतीय गुणवत्ता परिषद के तहत एनएबीएल ;नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एण्ड कैलिबरेशन लैबोरेटरीज़ द्वारा मान्यता प्रदान की गई है।
नवलगढ़ प्लांट ने कई उपलब्धियां पहली बार हासिल की हैं जैसे एक ही भट्टी पर दुनिया का सबसे बड़ा 33 किलोवॉट वेस्ट हीट रिकवरी प्लांटए 11500 टन प्रति दिन क्षमता से युक्त भारत की सबसे बड़ी भट्टी और भारत का सबसे ऊँचाए 171 मीटर ऊँचा प्री.हीटर 4 स्ट्रिंग्स एवं 6 स्टेजेज़ के साथ। आधुनिक टेक्नोलॉजी तथा स्थायी इनोवेशन्स का उपयोग करते हुएए राजस्थान में सीमेंट उत्पादन क्षमता में तकरीबन 33 फीसदी हिस्सेदारी के साथ श्री सीमेंट राज्य की ओद्यौगिक प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कंपनी के दृष्टिकोण पर बात करते हुए सतीश चंदर माहेश्वरी चीफ़ मैनुफैक्चरिंग ऑफिसर श्री सीमेंट ने कहा राजस्थान की क्षमता में विश्वास तथा स्थायी ओद्यौगिक विकास के चलते हमने इस निवेश के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है। आधुनिक टेक्नोलॉजी नवीकरणीय ऊर्जा और सामुदायिक प्रयासों के माध्यम से हम राज्य की प्रगति तथा अधिक स्थायी भविष्य के निर्माण में योगदान देने के लिए तत्पर हैं। श्री सीमेंट के संचालन में स्थायित्व यानि सस्टेनेबिलिटी को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है। वित्तीय वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में कंपनी ने अपनी बिजली की कुल खपत में हरित विद्यत का 55 फीसदी शेयर हासिल कर लिया है. जो भारतीय सीमेंट उद्योग में अधिकतम है। ब्यावर और रास युनिट्स अपनी विद्युत की 60 फीसदी से अधिक ज़रूरतों को हरित ऊर्जा से प्राप्त करती हैंए जिसमें वेस्ट हीट रिकवरी सिस्टम और सोलर इंस्टॉलेशन्स शामिल हैं। इसके तीन वॉटर.हार्वेस्टिंग तालाब भी हैं जिनकी कुल क्षमता 22 लाख किलोलीटर है जो स्थायी जल प्रबन्धन को सुनिश्चित करते हैं।
कंपनी उद्योग जगत में उपलब्धियों के दायरे से आगे बढ़कर विभिन्न सीएसआर प्रयासों के ज़रिए समुदाय के विकास में भी योगदान दे रही है। उदाहरण के लिए इसके शैक्षणिक प्रयासों जैसे रास में स्थित बांगुर स्कूल से 300 से अधिक बच्चों को लाभ होता है इसी तरह महिला सशक्तीकरण प्रोग्रामों ने भी स्थानीय समुदायों पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न किया है। वहीं कौशल विकास परियोजनाओं जैसे सिलाई एवं हस्तशिल्प प्रशिक्षण के द्वारा महिलाओं को आर्थिक स्वतन्त्रता के अवसर प्रदान किए जाते हैं। इसके अलावा कंपनी आर्कीटेक्ट संजय पुरी द्वारा डिज़ाइन की गई टाउनशिप के माध्यम से लगभग 600 परिवारों को आवास सुविधाएं भी प्रदान करती है। वास्तव में श्री सीमेंट के रास सीमेंट मैनुफैक्चरिंग प्लांट की टाउनशिप भारत के सबसे बड़े कैप्टिव टाउनशिप्स में से एक है जो अपने कर्मचारियों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं। इनोवेशनए सस्टेनेबिलिटी एवं समुदाय की सक्रिय भागीदारी के साथ कंपनी राजस्थान में विकास को बढ़ावा देते हुए सीमेंट उद्योग के विकास में अपनी अग्रणी स्थिति को बरक़रार रखे हुए है।
श्री सीमेन्ट लिमिटेड, सीमेन्ट उत्पादन के साथ-साथ अपनी संस्था श्री फाउण्डेशन ट्रस्ट द्वारा गाँव एवं ढाणी में सामाजिक सरोकार(सामाजिक दायत्व) को निभाते हुए समुदाय के लोगों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास हेतु पूर्ण प्रयास किये जा रहे हैं जिससे समाज का समूचित विकास हो, एवं ग्रामीण क्षैत्र जो कि पिछड़ा हुआ हैं एवं महिलायें व लड़कियाँ निरक्षर है जिन्हे मुख्यधारा से जोडा जा सके । कम्पनी भारत के विभिन्न राज्यों में सीमेन्ट प्लांट के आस-पास CSR गतिविधियाँ कर रही है। जिनमें से CSR रास की गतिविधिया का विवरण निम्न प्रकार है l
महिला प्रशिक्षणः- क्षेत्र की महिलाओं के उत्थान एवं आर्थिक विकास के लिए कम्पनी द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण आयोजित कार्यक्रम आयोजित किये जाते है जैसे-सिलाई प्रशिक्षण और ब्यूटिशियन ट्रेनिंग प्रोग्राम महत्वपूर्ण है जिससे महिलाओं कों आर्थिक स्वावलम्बन की ओर बढ़ने में मदद मिलती है। अधिकांश महिला स्वरोजगार से जुडकर 7000 से 8000 हजार रू. प्रतिमाह कमाकर घर की आय में सहयोग कर रही है। बालिका जन्म पर एफ.डी क्षेत्र में बालिकाओं का अनुपात बढाने हेतु चयनित परिवारों में जन्म लेने वाली बालिका के नाम पर श्री फाउण्डेशन ट्रस्ट द्वारा एफ.डी. प्रदान की जाती है जो 18 वर्ष पूण होने पर 25 हजार रू मिलते है जिससे बालिका उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सरंक्षण हेतु सहयोग मिलता है । विवाह सहयोग:- ग्रामीण क्षेत्र में बालविवाह रोकने हेतु श्री फाउण्डेशन ट्रस्ट द्वारा चयनित परिवार की बालिका के 18 वर्ष पूर्ण होन पर विवाह करने पर 25 हजार रू. की सामग्री प्रदान की जाती है। जिससे बाल विवाह का अनुपात कम हुआ।
ममता केन्द्र- गाँवों में ममता केन्द्र खोलकर गर्भवती महिलाओं एवं एक वर्ष तक के बालक के स्वास्थ्य की सम्पूर्ण देखभाल की जाती हैं, एवं महिला चिकित्सक द्वारा जॉच परामर्श एवं नि:शुल्क दवाईयां दी जाती हैं। इन महिलाओं की खून की जॉँच कर खून में पायी जाने वाली कमियों को जांच कर उसके अनुसार चिकित्सा प्रदान की जाती हैं। खान-पान में आवश्यक तत्वों की पूर्ति ना होने पर होने वाली कमजोरी को दूर करने के लिए पूरक पोषाहार दिया जाता हैं। इन महिलाओं एवं बच्चों की सम्पूर्ण देखभाल हेतु गाँवों में कम्पनी ने 10 महिला सखी को नियुक्त किया हुआ हैं । यह सखियां इन महिलाओं व बच्चों की देखभाल करती हैं। नियमित समय पर टीकाकरण किया जाता है ताकि गंभीर होने वाली बीमारियों से निजात दिलाने का पूर्ण प्रयास किया जा सके हैं। गर्भवती महिलाओं को डिलेवरी हेतु एम्बूलेंस की तत्काल 24 घंटे व्यवस्था श्री फाउण्डेशन ट्रस्ट द्वारा प्रदान की जाती हैं। तथा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया गया है गावों में प्रतिदिन मोबाईल वेन भेजकर महिला एवं बालिकाओं को समूचित स्वास्थ्य के लिये नियमित रूप से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध की जाती हैं। और साथ साथ सप्तह में 2 से 3 बार चेक उप किया जाता है जिसमें श्री फाउण्डेशन ट्रस्ट द्वारा नि:शुल्क परामर्श, जाँच एवं दवाईयाँ उपलब्ध करवाई जा रही है। किशोरी बालिकाओं को समय समय पर व्यक्तिगत स्वच्छता की जानकारी देकर स्नेटरी नेपकीन के उपयोग करने हेतु प्रेरित किया एवं समय समय पर स्नेटरी नेपकीन वितरण किया जाता है। साथ ही स्नेटरी नेपकीन उपयोग को नष्ट करने हेतु विद्यालयों में नेपकीन डिस्पेसर मशीन तथा इलेक्ट्रीक डिस्टोर मशीने उपलब्ध करवायी गई ।
राजकीय विद्यालयों में सहयोग:- क्षेत्र के राजकीय विद्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर व भौतिक बैठक सुविधाओं को सुदृढ़ करने जैसे- बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर, भवन निर्माण एवं पाठ्य सामग्री वितरण इत्यादि कार्यों का विद्यालय की मांग के अनुसार संपादित किया जाता है l साथ ही राजकीय विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षक लगाकर गुणात्तक सुधार हेतु प्रयास सफल रहा है। तथा राजकीय विद्यालयों में बालिकाओं के लिए शौचालय निर्माण कार्य एवं समय समय पर स्वच्छता को लेकर जागरूकता कार्यक्रम किये जा रहा है। इससे बालिकाओं के नामांकन में बढ़ोत्तरी हुई है। कम्प्यूटर साक्षरता कार्यक्रम:- इस क्षेत्र में कम्प्यूटर शिक्षा हेतु संसाधनों की कमी को देखते हुए स्थानीय स्तर पर 3 कम्प्यूटर केन्द्र खोलकर विद्यार्थियों और ग्रामीणों को बेसिक कम्प्यूटर शिक्षा मुहैया प्रदान की जा रही हैं