द नगरी न्यूज़ डेस्क : हाथरस में 2 जुलाई, मंगलवार के दिन जो अमंगल हुआ शायद ही उसे कभी भुलाया जा सके। भगदड़ में लग भाग 121 लोगों की जान गई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं। कई लोग घायल हो गए। घटना के बाद लोगों में दर्द है तो आयोजकों की लापरवाही पर गुस्सा भी। जिस आयोजन के लिए 80 हजार लोगों की अनुमति ली गई, वहां पर 2.50 लाख से ज्यादा लोग थे। यह हादसा कब और कैसे हुआ? इस हादसे के पीछे कौन गुनहगार हैं? अब तक पुलिस कार्यवाई कहां तक पहुंची है या पुलिस ने कोई करवाई की ही नहीं? हाथरस के सिंदराराऊ में जो कुछ हुआ उसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी. न तो सत्संग के आयोजक और न ही उसमें शामिल होने वाले श्रद्धालु. भोले बाबा का काफिला निकालने के लिए भीड़ कुछ इस तरह से उमड़ी की भगदड़ मच गई और फिर कोई खेत के किनारे गिरा तो कोई बारिश के पानी से भरे गड्ढे में जा गिरा. उन गहरे गड्ढे में से पुलिस ने कई शवों को बाहर निकाला इसके बाद पुलिस ने सभी शवों को अस्पताल पहुंचाया लेकिन इस मंजर ने लोगों को हिला कर रख दिया है.
लेकिन पहले जानते है आखिर कोन है ये भोले बाबा जिनकी वजह से कई मासूम लोगो की जान चली गई भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है हाथरस के सिकंदरा राव से लगभग 47 किमी दूर बहादुर नगर, सूरज पाल का पैतृक गांव है। हालांकि, वह अब यहां नहीं रहता है। गांव में नवंबर 2014 के बाद से उसका कोई सत्संग नहीं हुआ है। सूरज पाल खुद मार्च 2023 में आखिरी बार आश्रम आया था जो लगभग 2.5 बीघे में फैला हुआ है। यह एक तीर्थस्थल के रूप में पूजनीय है। हर मंगलवार को सैकड़ों श्रद्धालु यहां जुटते हैं और बंद दरवाजों पर माथा टेकते हैं।अब हाथरस में हुई भगदड़ के बाद पहली बार सूरजपाल उर्फ भोले बाबा का बयान सामने आया है। एक बयान में सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा’ ने कहा, ‘हम 2 जुलाई की घटना के बाद बहुत ही व्यथित हैं। प्रभु हमें इस दुख की घड़ी से उभरने की शक्ति दे। सभी शासन और प्रशासन पर भरोसा बनाए रखें। हमें विश्वास है कि जो भी दोषी हैं, उनको बख्शा नहीं जाएगा। मैंने अपने वकील ए.पी. सिंह के माध्यम से समिति के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे शोक संतप्त परिवारों और घायलों के साथ खड़े रहें और जीवन भर उनकी मदद करें।’
जब सत्संग के बाद वहां पर भगदड़ मची तो यही भोले बाबा और कार्यक्रम का आयोजन करने वाले आयोजक वहां से गायब हो गए। मुसीबत की घड़ी में उन मसूम लोगों को इस भोले बाबा और आयोजक की कोई मदद नहीं मिली। जिसकी वजह से ये हादसा इतना बड़ा हो गया। लेकिन हादसे की वजह सिर्फ यही है की वह 2.50 लाख से ज्यादा लोग थे इसलिए भगदड़ हुई लेकिन हादसे के बाद जो लोग के बयान सामने आए वो चौकाने वाले है वो सीधा इस बाबा को कठेरे में खड़ा करते है और कही न कही पुलिस की करवाई को बेमायने बना देते है लोगो का कहना है की चलते समय बाबा ने भक्तों से कहा कि मेरे चरणों की धूल लो’। जिसके बाद लोग उनके पैर छूने के लिए दौड़े और वो एक-दूसरे से टकरा गए और एक के ऊपर एक गिर गए… लोगो के ये बयान सरकार और पुलिस पर सवाल उठाते है की आखिर जहा दूसरे लोगो को लेकर करवाई हो रही वह बाबा को क्यों निर्दोष देखा जा रहा है बाबा से कोई सवाल क्यों नहीं इस पर कोई करवाई क्यों नहीं क्या सरकार और पुलिस भोले बाबा को बचा रहे है