जयपुर (संदीप अग्रवाल) : राजस्थान में सरकार द्वारा ट्रांसजेंडर के सम्मान में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है। सरकार ट्रांसजेंडरों को प्रोत्साहन करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में प्रदेश सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल किया है। जयपुर प्रथम एसडीएम राजेश जाखड ने राजस्थान की प्रथम ट्रांसजेंडर नूर शेखावत को सोमवार को अन्य पिछडा वर्ग का प्रमाण पत्र सौंपा है। इस समय नूर शेखावत सहित समुचे ट्रांसजेंडर समुदाय में खुशी की लहर है। प्रदेश की सरकार ने ये साफ कर दिया है कि ट्रांसजेंडरों को भी आम व्यक्ति की तरह सम्मान पाने और जिने का हक है। सरकार ने ये भी कहा है कि ट्रांसजेंडरों का मजाक ना बनाए।
थर्ड जेंडर को अन्य पिछडे वर्ग में शमिल करने और प्रहला प्रमाण पत्र लेने के बाद नूर शेखावत ने खुशी जताई। उन्होंने बताया कि 12वीं तक पढ़ाई की है। नूर का कहना है कि कि समाज में थर्ड जेंडर समुदाय भी है। इसे समाज में उतने ही अधिकार दिए जाने चाहिए, जितने कि आम आदमी को है। हमें भी समाज में सिर उठा कर जीने की आजादी मिलनी चाहिए। नूर शेखावत ने बताया की आगे पढ़ाई करने के लिए कॉलेज की तरफ कदम रखा। लेकिन वहां माहौल ठीक नहीं था। स्कूल के समय में भी साथ पढ़ने वाले स्टूडेंट ट्रांसजेंडर होने पर ताने मारते। लेकिन उस समय हार नहीं मानीं और संघर्ष करती रहीं। नूर शेखावत ने बताया की सभी इस बात को भूल जाते हैं कि समाज में थर्ड जेंडर समुदाय भी है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार भी थर्ड जेंडर को समाज का हिस्सा बताया है और इन्हें भी मुख्यधारा में जोड़ने की जरूरत बताई।
नूर शेखावत ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि हमसे कोई बात करना पसंद नहीं करता है। हमेशा हमें समाज से अलग रखा गया। इसमें हमारी क्या गलती। हमें भी भगवान ने ही बनाया है। हम एक नॉर्मल व्यक्ति की तरह सांस लेते हैं। लेकिन हमें बचपन से इतना दबाकर कर रखा जाता है कि हमारी आवाज तेज हो जाती है। कुछ लोग ऐसे हैं, जो हमसे डरते हैं। मेरी समाज के लोगों से विनती है कि हमारा मजाक न बनाएं और हमें भी समाज में सिर उठा कर जीने की आजादी दें। समाज में थर्ड जेंडर समुदाय को बहुत सी परेशानियों से जूझना पड़ता है। उनके पास पेट पालने के लिए कमाई का कोई साधन नहीं है। इसलिए वे शुभ अवसरों पर घर-घर जाकर कमाई करते हैं। समाज के कुछ लोग इनका मजाक बनाते हैं। लेकिन हमें भी समाज से जोड़ने की जरूरत है।