सिक्किम में बादल फटने से तबाही मची हुई हैं। बता दे कि इस बाढ़ से सिक्किम के 4 जिले मंगन, गंगटोक, पाक्योंग और नामची में बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां 22 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं 2 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया है।
इसके साथ ही यहां 26 रिलीफ कैंप भी लगाए गए हैं। इन चार जिलों में पानी की पाइपलाइन, सीवेज लाइन और 250 से ज्यादा घर टूट गए हैं और 11 ब्रिज तबाह हो गए हैं। बाढ़ के हालात देखते हुए शिक्षा विभाग ने 15 अक्टूबर तक सभी स्कूल बंद करने के निर्देश दिए हैं। बता दे विभाग ने पहले 8 अक्टूबर तक ही बंद करने की बात कही थी।
सिक्किम में अचानक आई बाढ़ का कहर लगातार देखने को मिल रहा है। बता दे अभी भी 98 लोग लापता है। जिनकी तलाश की जा रही है,जबकि मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है। वही सरकार का कहना है कि सर्च ऑपरेशन में तेजी लाई जा रही है। सिक्किम के मुख्य सचिव विजय भूषण पाठक ने बताया।
चेकपोस्ट के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सिक्किम के लाचेन और लाचुंग में लगभग 3000 लोग फंसे हुए हैं और इसी के साथ करीब 700-800 ड्राइवर भी वहां फंसे हुए हैं। 3150 लोग जो मोटरसाइकिलों पर वहां गए थे वे भी वहां फंस गए हैं। सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से सभी को निकालने की कोशिश की जा रही है। सेना ने लाचेन और लाचुंग में फंसे लोगों को इंटरनेट पर वॉयस कॉल के जरिए उनके परिवारों से बात भी कराई हैं।
राज्य सरकार ने इस घटना को आपदा घोषित किया है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिक्किम के हालात जानने के लिए मुख्यमंत्री प्रेम सिंह से बातचीत की और उन्हें मदद देने का आश्वासन दिया। उम्मीद करते हैं कि सिक्किम मे जल्द ही हालत ठीक हो और जो हजारो लोग बेघर हुए उन्हें अपना घर वापस मिले।