कर्मचारी चयन बोर्ड की तरफ से कराई गई सीएचओ भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के आरोप लगने के कारण परिणाम रोका गया है। इस मामले में अभी भी जांच चल रही है, पर अब परीक्षार्थियों के धैर्य का बांध टूट चूका है। यही कारण है कि परीक्षार्थियों ने सोमवार को कर्मचारी चयन बोर्ड को घेरते हुए पेपर लीक में लिप्त पाए गए अभ्यार्थियों को भर्ती से बाहर कर, परिणाम जारी करने की मांग की। साथ ही परिणाम जारी नहीं होने की स्थिति में अनशन पर बैठने की चेतावनी भी दी।
गत साल प्रदेश सरकार की तरफ से बेरोजगार युवाओं के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जरिये संविदा पर 3531 पदों पर सीएचओ भर्ती निकाली गई थी। इस भर्ती को कराने की ज़िम्मेदारी कर्मचारी चयन बोर्ड को दी गई थी, लेकिन परीक्षा होने के करीब 7 महीने बाद भी अभ्यर्थी अब तक परिणाम का इंतजार ही कर रहे हैं। ऐसे में सोमवार को कर्मचारी चयन बोर्ड को घेरते हुए अभ्यर्थियों ने खूब नारेबाजी की और परिणाम जारी करने की मांग की।
इस भर्ती परीक्षा में शामिल हुए परीक्षार्थी मोनू सैनी ने कहा कि 19 फरवरी 2023 सीएचओ भर्ती परीक्षा का आयोजन हुआ था। उसके बाद कर्मचारी चयन बोर्ड पर पेपर लीक के आरोप लगे, पर उसकी जांच चलते हुए करीब 7 महीने का समय बीत चुका है। अभ्यर्थियों ने सवाल उठाया की क्या अब तक एसओजी जांच रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई और अगर जांच रिपोर्ट पेश कर चुकी है तो जो पेपर लीक में लिप्त पाए गए हैं, उन्हें बाहर कर रिजल्ट जारी करें।
उन्होंने बताया कि कुछ लोग मांग कर रहे हैं कि ये पेपर रद्द हो, रिजल्ट जारी न हो। लेकिन पेपर रद्द होना कोई समाधान नहीं है। और इस बात की क्या गारंटी है कि दोबारा यदि पेपर कराया जाता है तो धांधली नहीं होगी ? अभ्यर्थियों ने मांग की कि जिन्होंने सत्यता से परीक्षा की तैयारी की है, कम से कम उनका परिणाम तो कर्मचारी चयन बोर्ड जारी करे।
वहीं एक अन्य छात्र हरीश शर्मा ने बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड युवा बेरोजगारों के साथ अन्याय कर रहा है। पहले ही ये भर्ती एक कांट्रेक्चुअल पोस्ट है, और उसमें भी देरी की जा रही है। डर इस बात का है कि कहीं ये भर्ती आचार संहिता की भेंट ना चढ़ जाए। इस दौरान उन्होंने रिजल्ट जारी नहीं होने की स्थिति में अनशन पर बैठने की चेतावनी भी दी।