सचिवालय में वन विभाग की समीक्षा बैठक हुई। इस दौरान वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव अपर्णा अरोड़ा ने कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए एवं वन्यजीवों के सुचारू संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार को विस्थापन से सम्बंधित जो भी सुझाव मिले हैं उस पर विचार किया जा रहा है ताकि विस्थापन का पैकेज न्यायसंगत तथा आकर्षक हो। साथ ही, विस्थापितों को खातेदारी हक एवं अन्य मूलभूत सुविधाओ के लाभ प्राप्त हो सके। इस बारे में अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अलवर, सवाईमाधोपुर, कोटा, झालावाड और बूंदी के प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए।
इस दौरान अरोड़ा ने वीसी के माध्यम से सम्बंधित जिला अधिकारियों से विस्थापित किये गए परिवारों एवं आने वाले समय में विस्थापित किये जाने वाले परिवारों को केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के लाभ एवं लंबित भूमि हस्तांतरण प्रकरण पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने विस्थापित किये जा चुके परिवारों को आवंटित जमीनों के खातेदारी हक से सम्बंधित समस्याओं का शीघ्र ही समाधान करने पर जोर दिया ताकि उस क्षेत्र तक सरकार की योजनायें पहुंच सकें एवं चहुं ओर विकास हो सके। उन्होंने विभाग एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा उक्त सम्बन्ध में किये जा रहे प्रयासों की सराहना भी की।
अपर्णा अरोड़ा ने वन विभाग द्वारा संचालित राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने एवं बजट घोषणाओं को शीघ्र ही धरातल पर अमल में लाने के निर्देश् दिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर विभाग के लंबित प्रकरणों को शीघ्र पूरा करें ताकि बजट घोषणाओं का लाभ आमजन तक पहुंच सकें। बजट घोषणाओं को धरातल पर लाने हेतु आवश्यक अनुमति की सम्बंधित पत्रावली शीघ्र प्रेषित की जावें।
इस दौरान उन्होंने राज्य में वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों के विकास एवं विस्तार के कार्यों की समीक्षा कर वन विभाग के संबंधित अधिकारियों को राज्य में स्थापित बायोलॉजिकल पार्कों के विकास कार्यों में प्रगति लाने के निर्देश दिए । अभेड़ा, कोटा तथा बीकानेर में मरुधरा बायोलॉजिकल पार्क के शेष कार्य जल्द ही पूर्ण करने के भी निर्देश दिए।
बैठक के दौरान वन विभाग व जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।