उदयपुर के सुखेर औद्योगिक क्षेत्र स्थित मार्बल भवन में एमएसएमई मार्बल कलस्टर इकाइयों से चर्चा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त एवं सहकारिता मामलात मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विकसित भारत- 2047 के संकल्प को पूरा करने में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की महती भूमिका है। इसलिए बजट में इन्हें विशेष प्राथमिकता दी गई है।वित्त मंत्री गुरुवार शाम को उदयपुर के सुखेर औद्योगिक क्षेत्र स्थित मार्बल भवन में एमएसएमई मार्बल कलस्टर इकाइयों से चर्चा कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री श्री जीतनराम मांझी ने की। वित्त सचिव श्री एम. नागराजू, सिडबी चेयरमैन श्री मनोज मित्तल, सांसद डॉ मन्नालाल रावत भी बतौर अतिथि मंचासीन रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत की संस्कृति और समृद्धि में मेवाड़ का योगदान शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। बजट घोषणाओं को लागू करने में ग्राउंड जीरो पर हितधारकों से संवाद आवश्यक है और इसका विशेष महत्व है। बजट जनता के लिए होता है, बजट जनता के बीच आने के बाद फीडबैक के आधार पर हम संशोधन करते हैं। एमएसएमई की भागीदारी वर्ष 2047 के विजन को साकार करने में प्रमुख है। इसलिए बजट में इसे विशेषज्ञ प्राथमिकता दी गई है। इसी कड़ी में अब देश भर के 250 एमएसएमई कलस्टर से संवाद कार्यक्रम किए जाने हैं, जिसका आगाज गुरूवार को उदयपुर में मार्बल कलस्टर से हो रहा है। उन्होंने कहा कि मेवाड़ क्षेत्र की एमएसएमई इंडस्ट्री की आवश्यकताओं को समझने हेतु हितधारकों से चर्चा करना आवश्यक है। श्रीमती सीतारमन ने बताया कि स्मॉल इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बैंक ऑफ इन्डिया (सिडबी) द्वारा अब सीधे ही सूक्ष्म उद्योगों को ऋण मुहैया करवाया जा रहा है जो कि बड़ी राहत की बात है। इससे सूक्ष्म उद्योगों को सुविधाजनक ऋण आसानी से उपलब्ध हो जाएगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के केबिनेट मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि देशभर में ऐसे संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से बेरोजगारी दूर करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। बेरोजगारी दूर करने में एमएसएमई क्षेत्र का बड़ा योगदान है। सूक्ष्म और लघु उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जिसका योगदान देश की अर्थव्यवस्था में 30 फीसदी है और देश के 20 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए गर्व का विषय है कि देश आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। शीघ्र ही देश विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं जो कि एक सुखद अहसास है। जहां वैश्विक आर्थिक प्रगति की दर 3.2 फ़ीसदी है, वहीं भारत आर्थिक प्रगति के मामले में 7 फ़ीसदी की दर से बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में 10.3 लाख करोड़ रूपये बैंकों को एमएसएमई मंत्रालय द्वारा क्रेडिट के रूप में दिया गया जबकि वर्ष 2023 में यह राशि बढ़कर 22.6 लाख करोड़ रूपये हो गई। इस वर्ष भी भारत सरकार के बजट में एमएसएमई को विशेष बल दिया गया है । मुद्रा लोन की राशि 10 लाख से बढ़कर 20 लाख कर दी गई है। माँझी ने कहा कि सूक्ष्म उद्योगों पर विशेष ध्यान देने से ही हम देश को विकसित देशों की श्रेणी में ले जा सकते है।
वित्त सचिव एम नागराजू ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र का एम्प्लॉयमेंट और जीडीपी में बड़ा योगदान है। केंद्र सरकार वर्ष 2047 तक विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने हेतु संकल्पबद्ध है और इस लक्ष्य की प्राप्ति में एमएसएमई की बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन केंद्र सरकार की सर्वाच्च प्राथमिकता है। कार्यक्रम में मार्बल कलस्टर एमएसएमई इकाईयों से जुड़े व्यवसायियों पंकज गांगावत, राकेश भाणावत, उमेश नागौरी, वीरमदेव कृष्णावत, नीरज शर्मा आदि ने मार्बल उद्योग, कर प्रणाली आदि से जुड़ी समस्याएं व सवाल रखे। वित्त विभाग एवं एमएसएमई विभाग के अधिकारियों ने उन्हें कलमबद्ध किया।
कार्यक्रम के दौरान उदयपुर जिले में मार्बल उद्योग को प्रोत्साहित करने को लेकर सिडबी और उदयपुर मार्बल एसोसिएशन के मध्य हुए एमओयू दस्तावेजों का वित्त मंत्री व एमएसएमई मंत्री की उपस्थिति में आदान— प्रदान किया गया। एमओयू के तहत मार्बल इकाइयों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण आदि को लेकर प्रावधान किए गए हैं। कार्यक्रम में उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल सहित विभिन्न अधिकारीगण तथा मार्बल व्यवसायी उपस्थित रहे।