जयपुर (संदीप अग्रवाल): हत्या के मामले में खुली जेल में सजा काट रहे हार्डकोर अपराधी नियामत अली उर्फ शानी पर अवैध हथियारों से जानलेवा हमला करने के मामले का कोटा पुलिस ने खुलासा कर घटना में शामिल एक आरोपी सरवर पुत्र मंजूर अली उम्र 20 साल निवासी गांव बाग़लदा थाना बडोदा जिला श्योपुर मध्य प्रदेश को गिरफ्तार कर दो बाल अपचारियों को निरुद्ध कर इनके पास से घटना में प्रयुक्त एक अवैध देशी कट्टा मय कारतूस एवं सतुर (बड़ा छूर्रा) बरामद किया है।
एसपी डॉ अमृता दुहन ने बताया कि दादाबाड़ी थाने का हार्डकोर क्रिमिनल नियामत अली थाना कोतवाली के कपिल हत्याकांड में खुली जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। 8 जून की सुबह हमेशा की तरह खुली जेल से अपने घर लौट रहा था। वक्फ नगर क्षेत्र में 6-7 अज्ञात बदमाशों ने उसे रोक कर सतूर व चाकू से कई बार वार कर अवैध हथियार से फायरिंग की और बाइक से फरार हो गए। गंभीर घायल को कोटा अस्पताल में भर्ती कराया गया।
एसपी दुहन ने बताया कि घटना स्थल पर एफएसएल व एमओबी टीम को बुला साक्ष्य संकलन किए गए। घटना की गंभीरता को देखते हुए करीब 100 पुलिसकर्मियों को अलग-अलग टीमों में विभाजित कर घटना में शामिल आरोपियों व वाहन की पहचान शुरू की गई। गठित टीम ने कोटा शहर से झालावाड़ तक करीब 200 सीसीटीवी कैमरा की फुटेज चैक किये। आसूचना संकलन एवं सीसीटीवी फुटेज के आधार पर घटना में प्रयुक्त वाहन मोटरसाइकिल एवं सात आरोपियों सरवर, करामात पठान, गुलफाम उर्फ सूखा, सईद उर्फ राजा, दिलीप सिंह उर्फ करणवीर सिंह उर्फ कानू बना तथा दो बाल अपचारियों की पहचान की गई। इसके बाद तकनीकी आधार पर पीछा करते हुए आरोपी मुल्जिम सरवर को देसी कट्टा व एक कारतूस सहित उसके गांव बागलदा से डिटेन कर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर दोनों बाल अपचारियों को डिटेन कर घटना में प्रयुक्त हथियार सतूर बरामद किया है।
हार्डकोर अपराधी नियामत उर्फ शानी तथा थाना किशोरपुरा के हिस्ट्रीशीटर सिराज उर्फ चिग्गा में कई वर्षों से गहरी दोस्ती रही। जून 2023 में सिराज के भाई फिरोज उर्फ बैण्डा की हत्या हो गई। सिराज को शक था कि भाई की हत्या करवाने में नियामत उर्फ शानी का हाथ है। जिसने जेल में रहते हुए अपने आदमियों द्वारा यह घटना करवाई है।
भाई की हत्या का बदला लेने के लिए सिराज सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गया जिसके माध्यम से अपने ग्रुप में नए-नए लड़कों को जोड़ उनके खाने-पीने का खर्च उठाने लगा। रईस मल्या जो की पूर्व से ही नियामत का विरोधी था, उसे भी साथ मिला लिया। ग्रुप से जुड़े सात लड़कों को दो-दो लाख रुपए देने का लालच देकर नियामत की हत्या का प्लान बनाया।
हत्या के लिए सिराज ने सातों लड़कों को पिस्टल, देशी कट्टा, सतुर एवं चाकू के साथ फोटो उपलब्ध करा। जेल से घर पर आने जाने का रूट बताया। 4 जून को आरोपियों ने घर से जेल तक पीछा किया लेकिन ट्रैफिक ज्यादा होने के कारण हमला करने में असफल रहे। इसके बाद ये लगातार मौका तलाश कर रहे थे।
घटना के रोज 8 जून को सभी हथियार लेकर निकले। सिराज जेल के बाहर खड़ा हो गया। जैसे ही नियामत जेल से बाहर निकला, उसने सईद उर्फ राजा को कॉल कर दिया। नियामत उर्फ शानी वक्फ नगर दादाबाड़ी में अपनी गाड़ी खड़ी करता था। जैसे ही वह गाड़ी के पास पहुंचा। सातों हमलावरों ने उस पर फायरिंग, सतूर व चाकू से कई बार वार किए। शोर सुनकर आसपास के लोग घरों से बाहर निकले, जिन्हें देख सातों बदमाश अपनी बाइक से फरार हो गए।
घटना के बाद आरोपी बाइक पर सवार होकर मण्डाना टोल से होते हुए झालावाड़ पहुंचे पीछे से i10 कार में मुख्य साजिशकर्ता साजिद उर्फ चिग्गा व रईस उर्फ मल्या उनसे मिले। फिर वहां से सभी हमलावर मध्य प्रदेश व अन्य दिशाओं में चले गए।