इसी साल जून में ओडिशा के बालासोर में हुआ ट्रेन हादसा देश के सबसे बड़े रेल हादसों में से एक था। इस हादसे से पूरा देश हिल गया था। ये हादसा काफी भयावह था, इस हादसे में कई लोगो की जिंदगियां बर्बाद हो गई थी । इस हादसे में करीब 300 लोगों की मौत हुई और 900 के करीब लोग घायल हुए थे।
बालासोर हादसे में तीन ट्रेनें हादसे का शिकार हुईं थी। उसके बाद जून महीने में ही पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा में एक और ट्रेन हादसा हुआ। जहां लगभग 12 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। अब वही एक और ट्रेन हादसे की खबर समने आई है आगरा से। जहां ,पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेन पंजाब के फरीदकोट से मध्य प्रदेश के सियोनी जा रही थी। रोजाना की तरह ट्रेन यात्रियों से खचाखच भरी हुई थी। तभी अचानक से आगरा से 10 किलोमीटर दूर भांडई स्टेशन के पास ट्रेन की दो जनरल बोगियों में चीख-पुकार मच गई।
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कारण था आग, दरअसल, ट्रेन में अज्ञात कारणों से आग लग गई। आग लगने के बाद यात्रियों में अफरा-तफरी और चीख पुकार मच गई। जब ट्रेन रुकी तो यात्रियों ने कोच से कूदकर अपनी जान बचाई। हालांकि इस हादसे में करीब 20 लोग आग की चपेट में आने से झुलस गए। लेकिन उनकी जान बच गई।
तुरंत घायल हुए यात्रियों को अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं मौके पर पहुंचे रेल प्रशासन ने स्थानीय लोगों की मदद से ट्रेन के कोचों में लगी आग को बुझाने का प्रयास किया। फायर ब्रिगेड और स्थानीय लोगों की मदद से तीन घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
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अब सवाल ये है कि आखिर ट्रेन में आग लगी कैसे ? लेकिन इस बात की अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन जिस शख्स की वजह से यह बड़ा हादसा कम में ही टल गया वो कोई और नहीं, बल्कि रेलवे गेटमैन है। जानकारी के मुताबिक, फाटक 487 पर तैनात गेटमैन ने ट्रेन से धुआं उठते देखा और तुरंत इसकी सूचना स्टेशन मास्टर को दी। स्टेशन मास्टर ने सतर्कता दिखाते हुए ट्रेन के दोनों डिब्बों की विद्युत सप्लाई काट दी और फिर दोनों कोच को ट्रेन से अलग कर दिया गया। अगर समय पर गेटमैन धुआं उठने की सूचना नहीं देता तो शायद कोई बड़ी अनहोनी हो जाती। बताया जा रहा है कि उस समय उन दो बोगियों में करीब 150 से ज्यादा यात्री सवार थे।