अध्यापकों के स्थानांतरण करने तथा डीपीसी कर पात्र शिक्षकों की पदोन्नति करने की मांग को लेकर 25 नवंबर को राज्यभर में जिला मुख्यालयों पर शिक्षक प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर के माध्यम से सरकार को ज्ञापन देंगे। राजधानी जयपुर में शहीद स्मारक पर 5 नवंबर को संपन्न विरोध सभा में लिए गए निर्णयानुसार आंदोलन के आगामी चरण में प्रत्येक जिले में विरोध सभाओं का आयोजन किया जाएगा। इन जिला स्तरीय विरोध सभाओं में आंदोलन के अगले कदमों की घोषणा की जाएगी।
राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने राज्य सरकार को आगाह किया है कि अध्यापकों के न्यायपूर्ण स्थानांतरण की प्रक्रिया शीघ्रातिशीघ्र शुरू की जाए और पात्र शिक्षकों को अविलंब पदोन्नति दी जाए अन्यथा सरकार को राज्य के शिक्षकों के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। 25 नवंबर को जिला मुख्यालयों पर होने वाले प्रदर्शनों की तैयारी के सिलसिले में राज्य के प्रमुख शिक्षक कार्यकर्ताओं की आज एक वर्चुअल बैठक संपन्न हुई। बैठक में राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग, महामंत्री उपेंद्र शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष फैलीराम मीणा, सभाध्यक्ष याकूब खान, कोषाध्यक्ष राधेश्याम यादव, संघर्ष समिति संयोजक पोखरमल, उपाध्यक्ष भंवर काला, अशोक लोदवाल, हेमंत खराड़ी, पवन छिम्पा, भंवर कस्वां, झालावाड़ जिलाध्यक्ष पानाचंद मीणा सहित शिक्षक नेता महेश कुमार सैनी, सोजी राम माली, संजय सिंह, अविनाश यादव, हरि गुर्जर, मनोहर चौहान, भोलू राम जाट, राजन यादव, रामधन छावा, रतीराम, रतन सिंह, हरकेश मीणा तथा राजकुमारी पंवार ने सहभागिता की।
बैठक में विभिन्न जिलों में 25 नवंबर को होने वाले कार्यक्रमों की तैयारी की समीक्षा की गई और प्रत्येक जिले में 25 नवंबर को मांग दिवस के अंतर्गत जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन आयोजित करने का तय किया गया। राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) की प्रांतीय कार्यकारिणी ने राज्य भर के शिक्षकों से इस न्यायोचित आंदोलन में सहयोग करने की अपील की है। शिक्षक संघ (शेखावत) की उपसभाध्यक्ष सुमन भानुका, उपाध्यक्ष सुनीता सिहाग तथा प्रदेश मंत्री अंजू दुलड़ ने राज्य की महिला शिक्षकों से 25 नवंबर के प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान करते हुए रेखांकित किया है कि वर्षों से अध्यापकों के स्थानांतरण नहीं होने की सबसे अधिक परेशानी महिला अध्यापकों और उनके मासूम बच्चों को झेलनी पड़ रही है।